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Sanjay's Diary

Sanjay

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Parts

1

ग़ज़ल

22 September 2022
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(हमने तो तेरी इबादत की है सनम्)रुपयों से तुमने मुहब्बत की है सनम,प्यार की तुमने ख़िलाफ़त की है सनम्।खुद अमीरी के वतन में रहती हो पर,हम गरीबों से अदावत की है सनम्।हम दरख़्ते-क़ौम की सेवा करें और, त

2

ग़ज़ल

24 September 2022
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ग़ज़ल ( ज़माना हौसलों वालोँ से डरता है )मुहब्बत की गली की वो ख़लीफ़ा है ,गिरह में उसकी अब सारा मुहल्ला है ।अमीरों की घटायें कहती हैं मुझसे ,ग़रीबी के चमन को हमने सींचा है।बड़ों के जुर्म के अक्

3

( माँ दुर्गा की शान में)

26 September 2022
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( दुर्गा माता की शान में)कहीं काली कहीं अंबे कहीं दुर्गा,अनेकों आपके हैं रुप जगदंबा। निराली है छटा दरबार की तेरे,कहीं जैकार की गूँज कहीं गरबा।अमीरों को प्रतिष्ठा,धन गरीबों को,दिशा जन को, सिपाही क

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