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इक मैं ही नहीं जिसके थे नुकसान हजारों।हैं मुझसे भी याँ लोग परेशान हजारों।।🌹हरगिज़ नहीं छोडेंगे हम उम्मीद का दामन।जीवन मे आए- जाएं जो तूफ़ान हजारों।।🌹कुछ इसलिए खामोश ही रहता हूँ मैं अक्सर।उसके हैं अभी