garmiyon ke din the Meri Man khana banaa rahi thi June ki chilchilati Hui garmi aur Samne Jhule Ki Garmi Aag Pasina Puchte hue Mane Aakhri Roti Se Ki pitaji Ghar Ke Andar Aaye tabhi dusri or se Meri dadi I aur Sabko khana nikaalne ke liye kaha hai lagbhag 9 mahine ki pregnant aurat dinbhar mehnat karne ke bad Aaram ka samay nahin tha khana nikaalne Mein jut gai एक-एक Karke sab log khana khane Lage तभी छोटे चाचा ने कहां अरे दाल में नमक क्यों कम है आजकल पता नहीं क्या हो गया है खाने में स्वाद ही नहीं आ रहा है दादी की अनाप-शनाप बोलते हुए कहने लगी इसका तो अब काम करने का मन ही नहीं है अरे हमारे जमाने में पेट में बच्चा रहता था तो भी काम करते रहते थे कभी शिकायत नहीं की हम लोग यह आजकल की औरतों में तो दम ही नहीं रहा 10 बच्चे हम लोगों सब कर देते थे और इनसे एक 2 मैं ही हालत खराब हो जाती है सब नाटक है मां ने खाना निकाला और बिना कुछ कहे अपने कमरे में चली गई आजकल सबके खाने के बाद ही पिताजी और माताजी को खाना मिलता था 3 महीने से पिताजी बेरोजगार हो गए थे इसलिए घर में अब उनकी जगह पहले जैसी नहीं रही प्रताड़ना है आए दिन उन्हें मिलती रहती थी कमाता नहीं है काम करना नहीं चाहता है तरह-तरह की बातें लोग कहते रहते थे कुछ पैसा पिताजी ने जोड़ कर रखा था जो बुरे वक्त के लिए संभाल रखा था लेकिन खेती सही से हो नहीं पा रही थी सिंचाई की कोई व्यवस्था नहीं थी सो दादाजी की मदद करने के लिए उन्होंने वह सारा पैसा ट्यूबेल गढ़वाली में खर्च कर दिया धीरे-धीरे दिन बीता गया और डिलीवरी का समय आ गया पैसों की तंगी की वजह से पिताजी की समझ नहीं आ रहा था कि अबे क्या करें अस्पताल ले जाने का भी उनके पास खर्चा नहीं था भगवान की दया थी इसी तरह मेरा जन्म घर पर ही हो गया मेरा जन्म होने के बाद उन्हें एक उम्मीद की किरण नजर आई और वे एक बार फिर परिवार को घर पर छोड़ दिल्ली शहर कमाने के लिए चले गए दिल्ली जाने के एक हफ्ते बाद ही किस्मत से उन्हें काम मिला इस बार बहुत भारी काम था यह पेपर मिली थी इसके अंदर पेपर के बड़े-बड़े रूल हुआ करते थे जिन्हें गाड़ियों में लोड कर भेजा जाता था और कुछ तो नहीं आता नहीं था तो उन्होंने फिलहाल के लिए ही काम करना ज्यादा अच्छा समझा और काम करने लगे धीरे-धीरे पैसे मिलने लगे और रास्ते खुलने लगे तब पिताजी को एक बार खत मिला कि माताजी की तबीयत बहुत खराब है तो पिताजी ने उन्हें अपने पास बुला लिया वहां उनका इलाज चला इलाज के दौरान डॉक्टर ने बताया कि अब इन्हें और कोई संतान नहीं हो सकती है और पेट की झिल्ली जो है काटनी पड़ेगी ऑपरेशन के बाद पिताजी ने सोचा अब यदि इन्हें घर भेजा गया तो इनकी सेवा नहीं हो पाएगी इसलिए उन्होंने अपने पास ही रख लिया और हम सब वहीं रहने लगे