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समुंदर में एक कश्ती है, जो हल्के- हल्के होश में है । तूफ़ान से लड़ने चली, जो दिखता पूरे आक्रोश में है। अपने छूटे, दरिया छूटा, छूटी हर चीज़ प्यारी जो थी । एक नाविक का सहारा था, कुछ टूटे सपनो क