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जिंदगी की कड़वी हकीकत

19 November 2024

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जिंदगी की हकीकत से गुजर कर इस बात का एहसास हो गया कि बिना किसी मतलब के यहां कोई किसी का खास नहीं। खून के रिश्ते भी सब दौलत की भूख के आगे फीके है। गर कुछ है जरूरी सबके लिए तो वो निजी स्वार्थ है, जो रिश्तों से ज्यादा मूल्यवान नहीं है। दुनिया में अधिकांश लोग अपने निजी स्वार्थ के लिए जीते हैं और रिश्तों को भी उसी के आधार पर तौलते हैं। स्वार्थ और मतलब के ये रिश्ते अस्थायी होते हैं, जो पल में टूटते और बनते है।

जो चले थे संग, वो अब हैं दूर।
पैसों के इस खेल में, खो गए है सब।।
दौलत का चाह में, अपने सब छूटे।
बेजान हुए है, खून के ऐसे सब रिश्ते।।

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अल्फाज़-ए-अदिति
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गहरी संवेदना की तीक्ष्ण कविताएं कुछ खुद पर लिखा है, कुछ जीवन के अनुभव पर लिखा है बीता जो इस दिल पर, उस भाव को कागज़ पर उकेरा है हकीकत-ए-जिंदगी को मैंने अल्फाजों में पिरोया है। अपने इस कविता संग्रह में कवयित्री सुमन मीना ने दुनियां जहान की समस्याओं के साथ साथ अपने भीतर के आत्मसंघर्षमूलक द्वंदों को प्रभावशाली ढंग से अभिव्यक्त किया है। यह संकलन मानवीय भावनाओं से सम्बद्ध कविताओं का संकलन है। इसमें मानव जीवन के सभी भावपक्षों जैसे देशप्रेम, जीवनसंघर्ष, रहस्यवाद, आदि सभी को काव्यों में खूबसूरती से पिरोया गया है। इसमें विविध विषयों पर आधारित लेखन न केवल इस पुस्तक को रोचक बनाते हैं बल्कि काव्य पठन-पाठन करने वालों के लिए एक मार्गदर्शक का कार्य भी करते हैं।