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दिल के एहसास

16 September 2022

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इन आंखों ने न जानें कितने चेहरे देखे है... 
पर ये निगाहें तुम पर ही आकर टिकी.. 
हाय!!  ये दिल मैं तभी हार बैठी थी तुम पर.. 
ये बाहें ढूंढती है तुम्हे आगोश में भर लेने को।
कभी –कभी तो घंटो बैठी रहती हूं निहारने को
सोचती हूं कहीं पागल सी तो नही हो गई मैं...
ऐसा क्यूं होता जिससे न मिल पाऊं उससे  ही दिल हार बैठता है...
न जाने कभी मिलना हो भी पाए हमारा, पर ये एहसास बहुत सच्चा लगता है .... और तुमसे मिलने की आस दिल मैं जगाए रखता हैं।।article-image

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Tanwi Mishra's Diary
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If you hope that something is true, or if you hope for something and you want it to be true or happen, and you usually believe that it is possible or likely, that is Ray of hope.. This is the new medicine for thousands of people. You can relate as person you are the part of it. Because it is also a frequent companion of another spritual practice - enthusiasm.