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आज कुछ नया लिखने का मन हुआ तो सोचा कुछ कम शब्दों में अपनी बात कही जाए और फिर मुझे दोहे याद आये.. बातें सब पुरानी ही हैं पर उन्हें नए कलेवर में ढालने का प्रयास किया है...सीधी सादी बात को, क्यों देते हो