Meaning of साहित्यिक चोर in English
- One who plagiarizes; or purloins the words, writings, or ideas of another, and passes them off as his own; a literary thief; a plagiary.
Meaning of साहित्यिक चोर in English
English usage of साहित्यिक चोर
Synonyms of ‘साहित्यिक चोर’
Antonyms of ‘साहित्यिक चोर’
Articles Related to ‘साहित्यिक चोर’
- #lyrics #bhojpuri ए सखी भीतरी के शोर...
आरे केतनो ले कईनी हम माना हो,
पिया धइले ना दम एको आना हो... २
राते से बथे कमरिया हामार
भइल बा मानावा थोर........
ए सखी भीतरी के शोर..... २
कईसे सुनायी पियावा समझे ना मोर.... २
आरे पहिले पहिल खुलल बा, हामारा
दिल के दरवाजा,
मुआना बुझे ना ई बतिया ,देला
बहुते उ साजा... २
उ तs रात भर जागे जगावेला,
जरे ढेबरी उ नाहीं बुतावेला.... २
उखी- मुखी करे मानवा, धानावा
लूट लिहले बनके चोर......
ए सखी भीतरी के शोर...२
कईसे सुनाई पियवा समझे ना मोर.... २
अबहीं बाटे कांचे उमरिया, दिल
नादान ए सखी,
फ़ुटल किश्मतिया पियवा, मिलल
बेईमान ए सखी.... २
धीर धरे ना हिक भर करेला,
नाहीं करीं तs हमसे उ लड़ेला... २
आरे सहत् सहत् मोर रचित बलमुआ
हो गईनी हम कमजोर.....
ए सखी भीतरी के शोर...... २
कईसे सुनाई पियवा समझे ना मोर.... २
~ मुन्ना प्रजापति
#life #writing #song #songlyrics #songwriter #lyricssongs #viralsong #virals #singer #singing
नोट :- यदि आप इस गीत को व्यापारिक तौर पर रिकॉर्ड करके रिलीज करना चाहते हैं तो कर सकतें हैं परंतु हमारी अनुमति लेने के बाद, हमारी अनुमति अनिवार्य है । धन्यवाद🙏 078978 68625
- आज कल न इस जगत में सब कुछ उल्टा हो रहा है /-
कोई नीति जब बनती है तो लगता है की यह सही है, हितकर है परंतु कुछ समय बाद पता चलता है की उस पर लागू नहीं होती जिसने उसे बनाया है । तो फिर.... 🥺
नदियों को माता कहा जाता है और देखें तो औसत रूप से नदियों को गंदा और दूषित करने मे हमारा ही हाथ है । तो फिर... 🥺
ये धरती हमारी माँ है । हम इसकी पूजा भी करते हैं और इस धरती पर सबसे ज्यादा दुष्कर्म ,हम ही कर रहें हैं । तो फिर...... 🥺
हमेशा प्रकृति के प्रतिकूल काम कर रहें हैं । और फिर कह रहें हैं की प्रकृति बदल रही है । नहीं....
उसे बदलने पर हम मजबूर कर रहें हैं । तो फिर..... 🥺
कोई चोर यु ही नही बनता है खुद से, गुनहगार खुशी से कोई गुनाह नही करता । उसके सामने हम ऐसे हालात खड़ा कर देते हैं की वह चोरी करता है या कोई गुनाह कर बैठता है । तो फिर.... 🥺
सामने वाला हमे इज्जत, सम्मान, प्यार जरूर देता और मुख्य रूप से देता भी है परंतु हम ही उसे बेशर्म और क्रूर बनने पर मजबूर कर देते हैं, उसे प्रतिउत्तर मे अपमान परोशकर । हम सामने वाले को अपने धन का, पद, प्रतिष्ठा का ,शक्ति का प्रताडन देकर । तो फिर... 🥺
प्रेम प्राकृतिक है । यही सृष्टि का एक मात्र आधार है । यह समाप्त हो गया अगर तो हमारा अस्तित्व समाप्त हो जायेगा । मोहब्बत करो और करने दो एक दूसरे से , मगर ...
तुम तो नफ़रत दिलों में पाल रहे हो । तो फिर.... 🥺
संत ने कहा, यह दुनिया मोह माया से घिरी हुयी है । दूर निकलो इन भावनाओं से, और तुम निकल गए । क्यूँ नही सोचा उसके बारे में, जिसने तुम्हे जन्म दिया और इस सोच के काबिल बनाया । वह स्त्री जिसको तुमने व्याह कर लाया । वह शिशु जो तुम्हारे नाम से इस धरा पर आया । तो फिर..... 🥺
✍️ Author Munna Prajapati #PostViral #post #realtalk #reallife #thoughts #writer #india #culture
- वो सर्द रात- 14
- दौर
- जरासन्ध के पुत्र
Browse Other Words By Clicking On Letters