Meaning of पाल in English
- A wall of separation in a shaft or gallery used for ventilation.
- Planking to support a roof or wall.
- A triangular sail set upon a stay or halyard extending from the foremast or fore-topmast to the bowsprit or the jib boom. Large vessels often carry several jibe; as, inner jib; outer jib; flying jib; etc.
- The projecting arm of a crane, from which the load is suspended.
- To move restively backward or sidewise, -- said of a horse; to balk.
- An extent of canvas or other fabric by means of which the wind is made serviceable as a power for propelling vessels through the water.
- Anything resembling a sail, or regarded as a sail.
- A wing; a van.
- The extended surface of the arm of a windmill.
- A sailing vessel; a vessel of any kind; a craft.
- A passage by a sailing vessel; a journey or excursion upon the water.
- To be impelled or driven forward by the action of wind upon sails, as a ship on water; to be impelled on a body of water by the action of steam or other power.
- To move through or on the water; to swim, as a fish or a water fowl.
- To be conveyed in a vessel on water; to pass by water; as, they sailed from London to Canton.
- To set sail; to begin a voyage.
- To move smoothly through the air; to glide through the air without apparent exertion, as a bird.
- To pass or move upon, as in a ship, by means of sails; hence, to move or journey upon (the water) by means of steam or other force.
- To fly through; to glide or move smoothly through.
- To direct or manage the motion of, as a vessel; as, to sail one's own ship.
Meaning of पाल in English
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- #lyrics कइसे बाकी के उमिरिया हम बितायी सजना..
तु त चली दिहल, केहु औरि के अपनायी सजना,
कइसे बाकी के उमिरिया हम बितायी सजना... ।
पोश - पाल बाड़ा कईले बाप - महतारी,
हाथे तोहरा सौप दिहले, आपन फुलवारी ।
ई कईसन वफा बाटे, छोड़ी दिहल साथ हो,
अग्नि के सात फेरा लिहल, धई हमार हाथ हो ।
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ना साहायी सजना....
त सुनी , सुनी के करेजवा फाटी जाई सजना...
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दिन रात रोइ अखिया, जागी ना सोई... ।
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मरी जाई सजना....
तोहरी साथी आ संगिनिया, मिट जाई सजना.. ।
तोहरा भिरी आईल उ बिया, देखी के रूपईया,
परदा पड़ल बा तोहरा आँखी, एहो मोरे सईया ।
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बाड़ नादान बुझ ....औरत के जात के .. ।
दिनवा जे ढली तनिका, हटी परछाई...
सगरी छुट जाई सजना....
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कइसे बाकी के उमिरिया हम, बितायी सजना ।
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✍️ Author Munna Prajapati #PostViral #post #realtalk #reallife #thoughts #writer #india #culture
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