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मैं क्या हूं।।

27 September 2022

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मैं जमाने में,एक उम्रदराज हूं
मैं एक ऊभरता हुआ,ऐतराज हूं

मैं सब छोडने का,एक मोहताज हूं

मैं एक निशाचर में,उडता बाज हूं

मैं सुविधा के प्रेम में,धोखेबाज हूं

मैं उनकी उदाओं का,मोहताज हूं

मैं सपनो में खोने का,सरताज हूं

मैं सुविधा के दुखों का,रियाज हूं

मैं जमाने में उनका,कसूर दराज हूं

मैं सुविधा के लिए,धोखेबाज हूं

विक्रम सिंह
हिन्दी साहित्य अकादेमी
पंचकुला।।

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