माधव तुमको आना होगा,
पार्थ को फिर जगाना होगा,
द्रोपदी की ललकार सुनो,
अन्याय की हाहाकार सुनो,
गांडीव को जीवंत कराना होगा,
भीम की भुजाओं में क्रोध जगाना होगा,
माधव तुमको आना होगा,
पार्थ को फिर जगाना होगा,
षड्यंत्रों की ध्वनि सुनो,
सुनो शकुनि की चाल,
शस्त्र उठाओ ऐसे,
की रह न जाये कोई वाचाल,
याज्ञसेनी की पुकार सुनो,
अभिमन्यु की वेदना साकार सुनो ,
धर्म की पताका को लहराना होगा,
माधव तुमको आना होगा,
पार्थ को फिर जगाना होगा,
जग को दिखलाना होगा,
युग भले ही बदल गए,
पर माधव तुमको आना होगा,
लो साथ अगर छल का ,
द्वेष भी यदि तुम कर जाओ,
तो धर्म की खातिर करना होगा,
माधव तुमको आना होगा,
पार्थ को फिर जगाना होगा।