किसी प्रेमी ने अपनी प्रेमिका के लिए हिंदी दिवस पर क्या सुन्दर लाइनें लिखी है .......
कि मैं English के rhymes सा सरल ,
और तुम हिंदी की मात्राओं सी जटिल ,
मुझे पसंद है प्रेमचंद की कहानियों वाला ग्रामीण जीवन ,
तो तुम Shakespeare के Drama की फैन,
मैं पंछी उन्मुक्त गगन का ,
और तुम शहरी Apartmnet में रहने वाले कोई आम से खास ,
मुझे पसंद हैं हिन्दी के नज़्म,
और उनकी तुकबन्दी ,
तो तुम English beat की Rhythm ,
पर थिरकने वाले ,
मैं हिन्दी कहानियों में सुकून ढूंढने वाला ,
तो तुम सुकून के लिए पहाड़ों की तरफ भागने वाली ,
बड़ा मुश्किल है अपना मेल ,
कहां मैं टूटी फूटी अँग्रेजी बोलने वाला ,
तो तुम फर्राटेदार English में बतियाने वाली ,
पर हाँ अगर तुम संग चलना चाहो ,
तो हम तुम्हें हिन्दी के नज़्म की बारीकियां सिखा देंगे ,
और तुम कुछ English के शब्द ,
तनिक मुश्किलें आएगी ,
पर " हिन्दी " की यहीं तो खासियत है ,
दो निरर्थक शब्दों को जोड़कर ,
सार्थक बनाती है ,
और अर्थहीन को भी ,
अर्थ प्रदान करती है.......