पराचिन काल मे,एक ऐसी हैअदभुत दुनिया थी जो बहुत, खुबसूरत थी वहा के एक बादशाह के बेटी, शहजादी, खुशी थी जो बहुत बेहद खुबसुरत थी उसी गाव के रहने वाले किसान का,बेटा, शहजादा तालीब,था जो बहुत हुनहार और, नेक दिल था,बादशाह,शहजादा तालिब के,अच्छा बेवहार को देखकर अपनी बेटी,शहजादी खुशी कि शादी करा दिये दोनो कि शादी,हो गई शादी की पहले रात शहजादा तालिब जब अपनी शहजादी की,पास,गये तभी शहजादी बोली,शहजादे क्या आपको, ये,बात पता नहीं,कि,अपनी,शहजादी की
मरजी की बगैर कोइ,गुसताख ,नहीं करते ये बात,सुनकर शहजादे तालिब बोलो शहजादी आप,फिकर ना करे हम ऐसे कोई काम नही करेगे जिससे आप को तकलीफ,होगी,ये बात कहकर,शहजादा तालिब दुसरे कमरे में,सोने चले गए पुरे,एक हाफता,होगया अलग , ,
- ुअलग,कमरे मे सोते हुए एक दिन अचानक शहजादी कि,तबीयत,खराब हो गई ये देखकर शहजादा तालीब, सारे काम, छोणकर,अपनी शहजादी कि, खिदमत करने लगे ये देखकर शहजादी अपने आखो में आसु लिए हुए शहजादे गले लग गई,और रोते हुए कहने लगी मेरे,शहजादे मुझे माफ करना,मै भुल गई थी, के आप,मेरी,शर की ताज,हैं आप मुझे,अपने आप से दुर कभी मत रखना ये सुनते शहजादे बोले शहजादी आप हमारे दिल के डणकन,हमारे हमारे जान,हैं और,हमेशा ,