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वेश्या सड़क -2 15.1.22 writer manikant ji...

2 September 2022

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   वेश्या    सड़क -2   15.1.22

पुलिस - रुको रे है इसके अंदर चल खोल के दिखा नहीं नहीं ऐसा नहीं चलेगा खोलना पड़ेगा इसे चल खोल

वो भक्ति - कुछ नहीं साहब कुछ बोरिया है अनाज बस एक दो बोरिया सीख मर के दिखता है देखिये साहब कुछ भी नहीं बस अनाज है

पुलिस - ठीक है पर पहले तुझे कभी देखा नहीं वो व्यक्ति कुछ नहीं साहब नया ही हुँ

पुलिस - चल बढ आगे cheking point कुछ ही दूर भागे बढ़ता है की पुलिसवाले की नजर निचे टपकते कुछ खून की बुँदे दिख जाती है उसका दिमाग़ खराब

पुलिस वाला - अबे रुक बहन के लोरे, ( वो गारी को थोड़ा धिरे करता है )चल निचे उत्तर

वो व्यक्ति - अब क्या हो गया साहब

पोलिस - चल पहले तो निचे आ,(वो निचे उतरता है) चल सारा सामान खाली कर,तभी उस व्यक्ति की नजर उस niche गिरे खून पर परी  वो फुल कॉंफिडेंट के साथ

  वो व्यक्ति बोला-  अरे साहब आप भी ना कुछ भी अरे साहब इसको देख कर घबरा गए यह तो मैं बताना ही भूल गया ी पोलिश की कुछ सब्जियाँ और ओ क्या बोलते है गजर टमाटर और एक जो रेड कलर का होता है अरे हाँ याद आया सालगम बीत सलाद बनाने के लिए है वही बोरी में दब गया होगा वो तो रेड ही होता और अनार है ईसि सब का रस होगा.

.पोलिस - कर ली बकचोदी चल अब एक एक कर के बोरी खाली कर के बोरी खाली कर  अगर सलाद का रस नां होगा तो तेरा रस निकाल देंग

L

वो व्यक्ति - एक एक कर बोरी पिक उप से निचे गिरा देता है पोलिस संबोधित बोरी कप बारी बारी से लात मार के देखती है मगर कुछ समझ में nhi आता

पोलिस - चल लोधी कर ले

वो व्यक्ति - लोधी करनेलगता है


पोलिस - ओ  रुक

वोब्यक्ति -ab क्या हुआ

पुलिस - वाले पत नहीं क्यूँ  कभी driver पे तो  कभी सामान पे सक होता है कुछ तो गरबर है पोलिश वाला बुडबुढ़ाया

4police- चल बारी से सारी बोरिया खोल

वो ब्यक्ति - अभी तो दिखाया था न साहब

पुलिस - साहब जितना बोल रहे है उतना कर ज्यादा सवाल जबाब नहीं समझा  

वो ब्यक्ति - बारी - बारी  से बोरी खोलता है ज़ब दो बोरी रह जाती है जिस अनार और सालज्म बता रहा था उतरने ने हिचक रहा था पोलिस का नजर जैसे इधर उधर हुआ की भागना सुरु कर दिया पोलिश वाले भी एक्टिव थे आखिर कर डोर के उसे झाट से पाकर लिया

दो चार डंडा देते हुए साला हम से भाग कर जायेगा कहाँ

वो व्यक्ति - आप सायद नहीं जानते नहीं हो हम कौन है

पुलिस - हम वो भी जान लेंगे इतना भी जल्दी   भी क्या  है अब चल बोरी खोल ज़ब वो बोरी खोलना चालू किया तो बोरी के अंदर काला पन्नी में कुछ था चल बाहर निकाल, ज़ब वो भर निकला तो सबके होश गए,बड़ा सअ पनि में पैक किसी का आधा शरीर था पोलिश- की पकड़ सख्त हो गई उसको कलर पे ज़ब दूसरी बोरी खुली तो पनि से खून की धारा पत्नी से बाहर आने लगी  ज़ब बाहर निकला तो देखे कोई बहुत ही खूबसूरत औरत का sir और कुछ मांश है

पुलिस उसे पकड़ बहुत मरती है फिर लॉकअप में डाल देती है  बहुत  पूछने बात भी वो कुछ नहीं बताता बस वो हस्ता है और इतना ही बता पता है और जो कुछ भि किया उसको इसका जरा सैं भी अफ़सोस  नहीं

बहुतो दिनों तक पोलिश वाले वेट करते है मगर उस लड़की वालो के तरफ कोई एशन नहीं गुमसुद्दी का भी कही कोई रिपोर्ट नहीं  आखिर कौन थी वो लड़की जिसके बारे में आजतक कोई गुमसुदगी का रिपोर्ट तक नहीं लिखा गया था


20 साल पहले…

एक कार एक बड़े घार के बारांडे में रूकती है उस कार से एक 40 साल का आदमी स्टाइल सूट  वह भी किसी से vip कम नहीं लग रहा था तभी उस घर पर एक औरत दौड़ती हुई आई  अरे आप मेरी गुड़िया बेटी कहां है  वाकई ये शहर के अमीरो में से एक है तभी उस आदमी के पीछे से झांकती हुई एक 5 साल की छोटी सी बच्ची मुस्कुरा रही थी नजरें मिलते हैं वह औरत बोलती है अरे मेरी गुड़िया बेटी तो यहां है वह नन्हीं सी बच्ची दौड़ कर उiसके पास जाती है और गले लग जाती है और मम्मी मम्मी बोलती है औरत बोलती है चलो पहले स्कूल ड्रेस खोल डो

 बच्ची बोलती है मम्मी मुझे मुझे ना बहुत जोरों की भूख लगी है चॉकलेट आइसक्रीम दो ना ज्यादा चॉकलेट आइसक्रीम नहीं खाते दांत सड़ जाता है पता है ना मम्मी बोलती है नहीं मामा मुझे अभी खाना है 

 अच्छा बाबा ठीक है बस एक पीस मिलेगा..  ok

  पैसे की वजह से पता नहीं कितने बार उनको धमकी मिल चुका था  तो कभी बेटी को उठाने की

  और 1 दिन ऐसा होता है जब राय साल की बेटी स्कूल से घर वापस नहीं आ पातीपुलिस मीडिया अपनी पूरी ताकत लगा देती है मगर 6 महीने हो गए थे और बच्ची का कोई सुराग तक नहीं है और ना ही कोई फिरौती का डिमांड

                                     25 साल बाद राय साहब बैठे हैं अपना टीवी देख रहे थे न्यूज़ चैनल पर इधर-उधर की बातें चल रही थी अचानक से एक न्यूज़  से एक न्यूज़ फ़्लैश हुआ एक युवक  को गिरफ्तार किया गया है

उम्र 48 ईयर वो  पिचकूप वैन में लाश  के ठिकाने लगाने ले जा रहा था, लेकिन अब वो टुकरो में  है

                                         सूत्रों से पता चला है की उसका छोटा भाई बहुत प्यार करता था और सादी भी किया था  तो आखिर ऐसा क्या हुआ था  उसके के अपने भाई ने ही ऐसा शर्मनाक कांड किया..

वो लड़कि किसी साधारण परिवार की न होके वो वेश्यालय की थी जिससे उसे प्यार हो गया था, बताते चले की ये घटना राजस्तान के छोटे से गाव की है

राघव जो बंगाल किसी काम के सिलसिले में गया था बंगाल की गलियों में घूमते घूमते एक दिन वो रेड लाइट एरिया में पहुंच गया

 जहाँ वो एक टापरी पे खरा था फिर टापरी वाले से सिगरेट और माचिस माँगा फिर सिगरेट जाला एक कस ले धुएँ को उप्पर की तरफ उछाला आंखे बंद अँ  अपनी मस्ती में था, जैसे ही अपनी आंखे खोली उसकी नजर एक बहुत खूबसूरत लड़की के परी  जो पहली मंजिल पर खरी एक टक राघव को ही देखे जाए रही थी 

जो बहुत उदास खुद में खोई हुई खुद को जैसे सजा दे रही हो, देखने से ही लग रहा था वो बहुत अच्छे खानदान से है अच्छे घार की है बिलकुल मासूम सी दिखने वाली..

तभी टपरी के पास खरा एक आदमी वोला चाहिए क्या 1000-rs लगेंगे उसके नई पीस बस कुछ  महीने हुए है इसे इस कोठे पर आये हुए है  पूरी तरह ख़ुश कर देगी उसके बहुत दीवाने है इस नई कली के..

राघव उस आदमी की तरफ मुर्ख के देखा, वो मुँह में पान दबाये हुए बोले जाए रहा था  , राघव  कुछ देर तो उस आदमी को एक तक देखता रहा उसका मुँह खुला का खुला रह गाय  हक्का बक्का फिर वो खयालो से बाहर आया और बोला क्या सच में मिला सकते हो,  वो आदमी बोला क्यूँ नहीं चलो अभी  मिलवाता हुँ..

राघव उस आदमी के पीछे पीछे चल परा वो आदमी बोला लगता है पहली बार आये हो - तभी तुम रेड लाइट एरिया के बारे में नहीं जानते राघव बोला रेड लाइट एरिया ये क्या होता है

वो आदमी हस्ता हुआ बोला चलो खुद ही देख लेना है  वहा पहुंच वो आदमी एक मोटी सी ladies जो मुँह में पान दबाये हुए थी उससे अपना कमिसन मांगते हुए बोला ये है सामा का कस्टमर अच्छे खटीदारी करना बेचारा बहुत दिनों से परवाना बन इसके चकर लगता रहा है..

वो औरत बोली पचीस हजार उसके लगेंगे स्पेशल है वो  राघव तुरंत पचीस हजार निकाल उसके हाथ में थमा दिया उसने दलाल को कमिसन दे कर दफा किया फिर राघव को दरवाजे से अंदर जाने का इसरा किया.

राघव की धरकने तेज तेज से धारक रही थी वो धीरे धीरे कदमो से room के अंदर दाखिल हुआ तो देखा खिरकी पे खरी शमा जैसे राघव के आहत को भाप ली थी.

वह अपने कोमल स्वर में बोली आइये  सहाब हमें पता है आप हमें चाहते है हम लड़की की नजर होती है जो दीखता है वो भी  जो नहीं दीखता है वो भी अपने की छमता होती है  उड़ आप मर्द लोग राघव के तरफ घूमती हुई बोली समा के घूमते ही राघव जैसे हाइपनोटिस हो गया हो जैसे उसे शमा  के शिवाय सब कुछ सुनाई और दिखाई देना बंद  हो गया हो

उर्फ़ ये मर्द लोग भी न टुनको कर इधर से उधर जाती हुई बोली भी समझाओ समझ में नहीं आता  समा ने  गिलास  से में रखा पानी उठाया और सीधे राधव के चेहरे पे उरेल दिया.

राघव का ध्यान भाँग हुआ  वो घबरा सैं गया, ये क्या किया  आपने  राघव बोला ,

  होश में ला रही हुँ होसमें ला रही हुँ समा बोली तुम मर्दो का न यही प्रॉब्लम है  खूबसूरत है, कातिल है बस मर मिटो दिल मत देखो वो कैसी है,    मैं सिघे तुमसे पूछती हुँ प्यार करते हो मुझसे— राघव हाँ में सर हिला दिया, शादी करोगे मुझसे दुबारा हाँ में सर हिलाया, —सेक्स करोगे  हमारे साथ अभी, … राघव नां में सर हिलाया

समा - देखा आ गए न औकात पे तुम प्यार करते हो मुझसे इसलिए यहाँ आये हो सेक्स करने नहीं, पता है मैं कौन हुँ राघव न में सर हिलाया,  समा - मैं तुम्हे देखते ही समझ गईं थी,तुम उस टाइप के नहीं है रे तू बहुत भोला है,बहुत प्यारा है,तुमसे कोई भी प्यार कर लेगा,मगर मै नहीं क्युकी  मैं एक वेश्या हुँ वेश्या

न जाने कितने अटेजाते है मेरी जिस्मओ को नोंचते खरोचते है फिर चले जाते है मैं स्पेशल कस्टमर को संभालती हुँ क्युकी जितनी भी लड़कियां है उनमे सबसे ज्यादा खूबसूरत मैं हुँ, इतना सब जानने के बाद तो तुम्हारा इश्क़ का भूत उत्तर गया होगा,  क्या इतना सब कुछ जानने के बाद भी अब भी यही कहोगे, हहह टेंसन मत लो मैं सेठानी को बोल के तुम्हारे पैसे वापिस करा देती हुँ समा आगे बढ़ती है

राघव – रुको मैं येजानने के लिए तुमसे प्यार नहीं किया की तुम कौन हो क्या हो, मै सालो से बंगाल आ रहा हुँ जाए रहा हुँ तुम्हे देखने भी आते रहता हुँ मगर तुमसे मिलने में मुझे सालो लग गए ..तो क्या इन सालो में मै ये पता नहीं लगा पता तुम कौन हो क्या करती हो..

मगर मेरा इंटरेस्ट तुम्हे जानने में नहीं तुम्हारे साथ जीने मरने में है.. अभी भी मेरा वही सवाल है क्या तुम मुझसे शादी करोगी,क्या इस लायक समझती मुझे..

तुम क़ह रही थी न हर कोई सूरत देखता है सही क़ह रही थी, मगर उस हर कोई में भी कोई  ऐसा होता है   जो सूरत के सह साथ सीरत थी देखता है और मैंने देखि है तुम्हारी आँखों में जो हजारों सवाल पैदा करती है इस ज़माने से इस समाज से और उस ऊपर वाले से भी की क्या तुम्हे जीने का हक नहीं किसी की पत्नी बनने का हक़ नहीं क्या ये  समाज वाले क्या कभी उसे  एक्सेप्ट करेंगे – बोलो बात है की नहीं राघव बोला - समा - के पास इस सवाल का कोई जबाब नहीं था  उसकी आँखों में सिर्फ और सिर्फ अजु थे जो इन सारे सवालों के जबाब दे रहे थे

राघव - बोला क्या तुम इस नर्क सै निकलना नहीं चाहती हो सामा ने हाँ में सर हिलाया फिर वो बोली लेकिन ये लोग हमें नहीं छोडेंगे मार देंगे … लेकिन वो किन  कुछ नहीं बस  तुम यहाँ से निकलने की  तैयारी करो ..

बाकि सब मैं सेट करता हुँ राघव बाहर निकाल कर सेठानी से बात करता मैं राजस्तान का रहने वाला हुँ हाँ तो सेठानी बोली मैं इसलिर्की को ले जाणाचाहता हुँ कितने पैसे लेगी हमेसाके लिए कितने पैसे लेंगी अरे पगला गए हो ये ये लड़की भी छोटी थी तभी उठा के लाए गई  है यहाँ और जो एक बार यहाँ आ जाती है वो जिन्दा नहीं निकलती है उसकी चिता निकलती है यहां से चिता –

चुप चाप चले जाऊ यहाँ से नहीं तो उसकी बाद में पहले तुम्हारी चिता निकलेगी   पचास लाख कमा कर देगई जिंदगी भर में   ये …

साला  फ़क़ीर कही  के रे मुस्तडो देख क्या रहै हो मारो साले भगा यहाँ से चार मुस्तडो भीड़ उसे मारने लगते है तभी सामा दौर के आती  है नहीं छोड़ दीजिये उसे नादान है वो उसे कुछ नहीं पता  यहा के बारे में

समा को अपने लिए तरप्ता देख वो सेठानी के पैरो में गिरी हुई थी राधव को अपने चोट की परवाह न थी सेठानी ने समा के बाल पकड़ते हुए बोली साली कुटी तूने ही कुछ   सिखाया होगा इसे देख इसकी क्या हालत करती हुँ मैं

राघव 70-70 लाख दूंगा मैं इसके सेठनी अरे साला ये तो सच में प्यार वाला मामला है करोड़ लगेगा इसका मुँह चमकती हुई पान मुँह में दबाटे हुए बोली बोली गईथी के  बाहर फेक दो इसे चारो गुंडे राघव को उठाके गेट के बाहर फेक दिए राघव वहा से उठकर जैसे तैसे अपने गाँव आ जाता है राघव समा के बारे मे सोच सोच के कई दिनों तक ठीक से सो नहीं पाता है  

फिर कुछ दिनों बाद बहुत के बाद पैसे कहा से लाया जाये   आखिर कार एक रास्ता सुझा क्युकी न एक किडनी  लिवर  बैच दी जाये

फिर वो शहर के बेड हॉस्पिटल में जाकर अपना नाम रजिस्टर करा  फिलहाल तो ऐसा  कोई पेसेंट था  नहीं इसलिए , डॉक्टर ने उसे कॉल करके बुलाने को कहा

राघव गांव वापिस आकर कुछ दिन और इंतजार किया ज़ब कॉल नहीं आया तो फिर दूसरा दिमाग़ लगाया कुछ दोस्तों के यहाँ घार का खेत का गहने बिना बड़े भाई से पूछे गिरवी रख दिया, तब भी पैसे अभी 60 लाख ही हुए थे अभी भी 40 लसख काम पर रहर थे.

अभी राघव इसी उधर बुन में था की बाकि के पैसे कहा से आएंगे, तभी उसके फोन के घंटी बाज़ी  राघव ने फोन उठाया  उधर से आवाज आया  मिस्टर राघव , yes सर  राघव  बोला  क्या  आप अभी  हॉस्पिटल आ सकते है  yes सर  राघव बोला  अपना झट पट अपना बैग पैक किया और हॉस्पिटल की तरफ चल पड़ा,  उसका ऑपरेशन करके एक किडनी निकाला गया और कुछ लीवर का हिस्सा निकाला गया ऑपरेशन के बाद पैसा मिलते ही परवाना अपना समा से मिलने चल पड़ा

 उसकी थे कोठे पर पहुंचा सेठानी के सामने और बोला यह लो एक करोड़ के पूरे हैं गिन लो और समा को ले जाने दो ए ये सुन करकेउसके मुंह खुले के खुले रह गए, भी अपने गुर्गों को बुलाकर जल्दी-जल्दी नोट गिनने लगे  सेठानी उठ कर  और बोली जा ले जा अपने सम्मा को,जा उसे आजाद किया बहुत बड़ा दीवाना है रे तू….

 सच्चा प्यार करता है हमारे यहां ऐसी किस्मत कहां किसी को जो इस दलदल से निकल जाए और निकालना भी चाहे तो उसे और उसके बॉयफ्रेंड का अंतिम जनाजा निकलता है.. क्योंकि कोई इतनी कीमत चुका ही नहीं सकता.. जा हमारी दुआएं तुम्हारे साथ है..

 राघव समा को लेकर गांव की तरफ चल पड़ा राघव पूरे रास्ते बस एक ही बात सोचता रहा कि अपने घर वालों को यह बात कैसे बतायेगा, क्योंकि राघव के बड़े भाई कुंवारे थे और तो और उसके पापा खानदानी थे और पुराने ख्यालात ओ वाले थे जो कभी नहीं मानते.

 राघव के घर पहुंचते हैं घर में तांडव शुरू हो गया जबकि राघव उन्हें समझाने का बहुत प्रयास किया यह रानी है और मैं जहां पर बिजनेस के सिलसिले में जाते जाते रहता था वही यह लड़की देखी थी धीरे धीरे प्यार हो गया फिर हम दोनों की बात आगे बढ़ी 

राघव के पापा थप्पड़ मारते हुए जब तुझे प्यार प्यार ही था तो हमसे कहा था हम थारे को मना करते तो कहा था ना

राघव पापा मुझे पता था आप मान जाएंगे मगर इसके घरवाले नहीं मान रहे थे इसलिए लेकर भागना पड़ा

जैसे तैसे घर वाले को और गांव वाले को मनाया गया ऊपर से तो थोड़ा शांत हुए मगर अंदर से सब के सब के अंदर आग धधक रही थी सबकी आंखों में साफ साफ दिख रहा था खासकर बड़े भाई के तो रोज ही अलग है जैसे कि वह मर्डर ही  कर देगा

फिर राघव के पिता ने फरमान सुनाया पता नहीं किस खानदान की है इसलिए हम उसके हाथ का बना हुआ खाना नहीं खाएंगे कुछ दिन उठापटक चलता रहा

तभी बड़े भाई को पता लगा की राघव साड़ी क्षेत्रों को गिरवी रख दिया है

फिर तो उसका गुस्स सातवें आसमान पर था घर आकर उसने हंगामा खड़ा कर दिया कि एक एक किस गिरवी रखा और किस से पूछ कर रखा बात यहां तक पहुंच गई मारपीट होने की नौबत आ गई 

राघव के बड़े भाई उसको जोरदार 2,4मुक्का जड़ दिया शम्मा घर के अंदर से दौड़ी दौड़ी आती है और राघव को गिरने से बचाती है फिर उसे घर के अंदर लेकर चली जाती है

सब शांत होने के बाद राघव का बड़ा भाई सोचने लगा तो उससे भी ₹50000 लिए पूरा घर और जमीन गिरवी रख दिया आखिर क्यों  कुछ तो गड़बड़ है वह अपना बैग पैक किया और सीधे सर की तरफ निकला पता लगाने के लिए आखिर बात क्या है

शहर पहुंचकर उससे वह पता चला है जिसकी उसको उम्मीद ना थी अब जल्दी से जल्दी घर पहुंचना चाहता था मौसम खराब होने की वजह से उस दिन नहीं निकल पाया 

उधर रात मैसेज किधर रात को राघव के पेट में दर्द उठा दर्द बहुत ज्यादा था समा  बहुत पूछने के राघव ने आखिरकार बताया कि अपनी एक किडनी बेच चुका है उसके लिए सामान्य कपड़ा हटाकर देखा घाव अभी तक ताजा थे लगने की चोट लगने की वजह से वहां से हल्की-हल्की खून का रिसाव हो रहा था

सुनते हैं शम्मा के आंखों में आंसुओं के सैलाब उमड़ पड़े

शम्मा बोली तुमने ऐसा क्यों किया एक वेश्या को पाने के लिए अपना किडनी तक  बेच दिया तुम इंसान नहीं भगवान  होजा

राघव बोला मुझे भगवान ना बनावो मैं तुम्हें उस नर्क में नहीं छोड़ सकता था क्योंकि मैं तुमसे प्यार करता हूं समा गले लग फूट-फूटकर रोती है

तभी राघव को जोर की खांसी आई और साथ में खून की उल्टी भी समा पूरी तरह घबरा गई तुम्हें कुछ नहीं होगा मैं अभी हॉस्पिटल लेकर चलती हूं राघव रुकने का इशारा किया मुझे कुछ नहीं होगा मैं ठीक हूं दोनों पूरी रात एक दूसरे के साथ जीने मरने की कसमें खाते रहे

अगली शाम राघव का बड़ा भाई शहर से वापस आ गया था

आज शाम से हल्की हल्की बारिश हो रही थी आज रात पूरी तरह खाली थी आज कोई समस्या की रात नहीं थी बल्कि ऐसा लग रहा था आसमान में बादल नहीं मातम छाया है आज रात कुछ तो होने वाला है रह रह के बिजली करती डरा कर रख देती ।

कौन क्या किस्मत लेकर आया है कुछ कह नहीं सकते हैं कोई जीना चाहता है तो दूसरा इंसान उसे मारना चाहता है घड़ी के टिक टिक रात के 10:00 बजे तभी अचानक वही दर्द राघव के पेट में दोबारा उठा अबकी और खतरनाक दर्द था दर्द इतना ज्यादा था राघव बोलने की स्थिति में ना था समा दौड़ी-दौड़ी दोनों आंखों के पापा और उसके बड़े भाई के दरवाजा को पीट-पीटकर सबको जगाए दोनों सब जगे बताया राघव को तेज दर्द हो रहा है दोनों कमरे में गए राघव की हालत बहुत ही खराब है वह खून की उल्टी हो रही है दोनों घबरा गए

राघव का बड़ा भाई गाड़ी को तैयार किया और राघव को उठाकर गाड़ी में बिठाया राधाव उसका बड़ा भाई पापा बैठे समा ऐसे ही बैठने आई राघव के भाई उसे मना कर दिया नहीं तू नहीं जा सकती बाहर हमारी इज्जत है शमा को राघव के ठीक होने से मतलब था सो जाए ना क्या फर्क पड़ता है इससे ज्यादा जरूरी था ठीक होना

सभी राघव को लेकर क्या हॉस्पिटल पहुंचे तेज बारिश शुरू हो चुकी थी बिजली की कर कर आहट रुक रुक कर अपना अलग ही रंग दिखा रही थी पूरे शहर की बिजली जा चुकी थlअंधेरा छाया हुआ था पूरे शहर को अपनी गिरफ्त में ले ले साली तेरी वजह सेतेरी काली रात समा को घर में अकेले डर लग रहा था

सम्मा घर के देव देवता वाले घर में ध्यान लगाकर बैठे हैं राघव की कामना के लिए स्वास्थ्य की कामना की बहुत सारे देवी देवताओं की मूर्तियां और फोटो लगे थे

वह सभी देवी देवताओं से बस राघव के ठीक होने की कामना  कर रही थी अचानक बिजली आसमानी बिजली तरकी शम्मा की आंखें डर से खुल गए उसे महसूस हो रहा था कोई तो उसके पीछे खड़ा है वह पीछे की तरफ पलटी मगर उसके पीछे कोई नहीं था

सामा सोचा शायद है उसका भरम है क्योंकि बिजली की राय रख कर कर आहट और चमक की वजह से शायद ऐसा दिख रहा हो दोबारा बिजली  करकी मगर अब की बार जो दिखाएं शम्मा को पक्का यकीन हो गया कि कोई ना कोई तो है बरामदे में कोई खराब धारदार हथियार लिए अबकी बार कुछ साफ साफ दिखाई दे रहा था 

समा उठ कर खड़ी हुई एक दो बार और बिजली तर की है और तीसरी बार वह आदमी समा सामने खड़ा समा चौक कि वह कोई और नहीं बल्कि राघव का भाई बड़ा भाई था

समा अंदर तक सहम गई थी फिर भी हिम्मत जुड़ा करके पूछा भैया आप यहां कैसे राघव कैसा है

राघव गुस्से में मुंह चिढ़ाते हुए बोला साली तू तू मेरे भाई के बारे में पूछेगी तूने उसको अपने जाल में फंसा कर उसकी पूरी जिंदगी बर्बाद कर दी साली बेश्या तेरे बारे में सब जानता हूं मैं मैंने सब पता लगा लिया तेरी वजह से मेरा भाई जिंदगी और मौत की कगार पर खड़ा है

शम्मा कब बाल पकड़कर खींचकर घर के दूसरे कोने में ले गया समझते चिल्लाती रही मगर उसकी एक न सुनी वहां पर दो-तीन लोग पहले से ही खड़े थे फिर तीनों मिलकर के समा के साथ बारी-बारी से रेप करते हैं  राघव का बड़ा भाई बोला साली  तेरी यह है असली औकात ।

राघव का बड़ा भाई साली तेरी वजह से वह सारा खेत गिरवी रखा रखा है यहां तक कि किडनी लीवर भी बेच डाला वाह रे वाह क्या बात है जिंदा रहेगा कि नहीं पता नहीं पर तू तो आज मरेगी तेज बिजली की गड़गड़ाहट और तेज बारिश और आंधी के बीच उसकी आवाज उसकी आवाज सुनने वाला कोई नहीं         

एक तीसरा आदमी उसे जाकर धीरे से बोलना चाहे तो पूरे गांव की रखैल बन कर रह सकती है एक कुटिल मुस्कान के साथ

शम्मा बोली तुम सब के सब गंदी नाली के सूअर और तुम लोग प्यार को कभी नहीं समझ पाओगे अगर राघव मेरे लिए किडनी लीवर भेज सकता है तो मैं उसके लिए जान दे सकती हूं मारो सांवरो मुझे मारो शम्मा का यह रूप देख कर थोड़ा सा तीनों सब पका के जैसे खुद बोल रही हो मगर अपने लिए सूअर जैसे आप सब दोनों ने अपना आपा खो बैठे और तेज धारदार हथियार निकाल उसके टुकड़े-टुकड़े कर डालें राघव का भाई दिमाग लगाया रात को पुलिस की रहती है इसलिए दिन में सब्जी के बहाने ठिकाने लगाएगा अंजाम हुआ था कि पुलिस ने उसे पकड़ लिया था राघव चुका था आज उसकी पूरी दुनिया झूठी शान के लिए जान देकर उसे बचाया था वह कितनी थी उसके लिए एक घर वालों ने कभी नहीं सोचा था बैठ गई थी क्योंकि उन्होंने भी अपनी बेटी को पहचान लिया था

आखिर इसमें शम्मा की क्या गलती थी क्या वह एक बड़े घराने की लड़की थी इस वजह से उठाया गया या फिर उसको वैश्या थी इस वजह से उसे जान से मार दिया गया क्या इस समाज में वैश्या को जीने का कोई हक नहीं क्या कोई वैश्या को अपना आएगा क्या उनकी जिंदगी ऐसे ही तरबतर होती रहेगी क्या उसके बारे में सोचने वाला कोई नहीं है

इतने बड़े घर की लड़की को एक वैश्या समझने मार दिया गया अखिलेश हमारे समाज में कब तक चलता रहेगा आखिर उन्हें भी जीने का हक है उन्हें भी शादी करने का हक है मगर हमारा समाज इसका इजाजत क्यों नहीं देता

The end…..

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