पिंकी के दादाजी कुछ ढूंढ रहे हैं। तभी पिंकी वहां आती है। उसके पूछने पर पता चलता है कि दादाजी अपना चश्मा ढूंढ रहे हैं क्योंकि उन्हें आज का अखबार पढ़ना है। तभी पिंकी की मम्मी कुटकुट गिलहरी को दादाजी का चश्मा ले जाते हुए देखती है। पिंकी और दादाजी दोनों कुटकुट के पीछे भागते है मगर वो खिड़की फांदकर बाहर जामुन के पेड़ पर चढ़ जाती है। इसके बाद पिंकी इशारे से कुटकुट को दादाजी का चश्मा फेकने का इशारा करती है। मगर कुटकुट तो चश्मे के बजाय जामुन फेकने लगती है। क्या करेंगे पिंकी और दादाजी अब? क्या दादाजी को उनका चश्मा मिल पाएगा? जानने के लिए पढ़ें ‘पिंकी और चश्मा‘ और अन्य कहानियाँ…
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