Home Meaning हरळीची मुळे असलेला जमिनीचा पृष्ठभाग (गवताळ जमीन)
Meaning of हरळीची मुळे असलेला जमिनीचा पृष्ठभाग (गवताळ जमीन) in English That upper stratum of earth and vegetable mold which is filled with the roots of grass and other small plants, so as to adhere and form a kind of mat; sward; sod. Peat, especially when prepared for fuel. See Peat. Race course; horse racing; -- preceded by the. To cover with turf or sod; as, to turf a bank, of the border of a terrace. Meaning of हरळीची मुळे असलेला जमिनीचा पृष्ठभाग (गवताळ जमीन) in English English usage of हरळीची मुळे असलेला जमिनीचा पृष्ठभाग (गवताळ जमीन) Synonyms of ‘हरळीची मुळे असलेला जमिनीचा पृष्ठभाग (गवताळ जमीन)’ Antonyms of ‘हरळीची मुळे असलेला जमिनीचा पृष्ठभाग (गवताळ जमीन)’ Articles Related to ‘हरळीची मुळे असलेला जमिनीचा पृष्ठभाग (गवताळ जमीन)’ आइए हम जीवन को आसान बनाएं,
कोई भी इस दुनिया से जिंदा नहीं निकलेगा। जिस जमीन के लिए आप लड़ रहे हैं और मारने को तैयार हैं, उस जमीन को कोई छोड़ गया है, वह मर चुका है, सड़ा हुआ है, और भुला दिया गया है। तुम्हारा भी यही हाल होगा। आने वाले 150 वर्षों में, आज हम जिन वाहनों या फोनों का इस्तेमाल अपनी शेखी बघारने के लिए कर रहे हैं, उनमें से कोई भी सदैव का साथी नहीं होगा। बीको, जीवन को आसान बनाओ । बहोत खुशी होती है मन को किसी को वास्तव में खुश करने मे, करके तो देखो ।
प्रेम को आगे बढ़ने दो। आइए एक दूसरे के लिए वास्तव में खुश रहें। कोई द्वेष नहीं, कोई चुगली नहीं। कोई ईर्ष्या नहीं। कोई तुलना नहीं। जीवन कोई प्रतियोगिता नहीं है। यह हमारा सौभाग्य है जो मनुष्य का तन मिला है । दिन के अंत में, हम सभी दूसरी तरफ पारगमन करेंगे। यह सिर्फ एक सवाल है कि वहां पहले कौन पहुंचता है, लेकिन निश्चित रूप से हम सभी किसी दिन वहां जाएंगे।
ये जीवन तो बिल्कुल सरल है, इसे दुखी और कठिन हम खुद ही बना देते हैं अन्य लोगों से तुलनात्मक भाव रखकर, इर्ष्या करके । हम क्यूँ दुखी होते हैं किसी की खुशी को लेकर , किसी को सफल देखकर! लेकिन नहीं...
जिस प्रेम से हमारा जन्म हुआ है हम उसी के दुश्मन हैं । बदलो खुद को दुनिया खुद ब खुद बदल जायेगी । ये संसार तो हम ही से है । जो रवैया अभी है यदि ऐसा ही चलता रहा तो एक दिन सर्वनाश निश्चित है । समझो ना,,तुम्हे तो उपर वाले ने सोचने समझने की शक्ति तो दी है । यहाँ अत्यधिक लोग अपनी ऊर्जा का उपयोग किसी दूसरे को मिटाने मे कर रहें हैं । ऊर्जा सही दिशा में लगाओ । जरा सोचो हमारे देश में 140 करोड़ लोग हैं, यदि सभी लोग एक दिशा में चलें तो हम कहा पहुँच सकतें हैं..... सोचो और चलो..... ।
~ Author Munna Prajapati यादो के गुल्क धूल में नहाये लोग Viskatlela Maharastra Book Browse Other Words By Clicking On Letters