दुनिया की हर चीज़ पाने की कोशिश में लोग अपने बर्तमान को एस तरह भूल जाते की मानो आज था ही नहीं। मैं के साथ जब लोग अपनों को भी खो जाते ओर अंतः में मैं ही रह पाया ओर साथ कोई न था। प्यास केवल अपने भूख को ही ख़तम कर पाता है । एसलिए ये एक युगो युगो चलने वाला सोच है जो अपनो के साथ अपने को खा जाता है। द्वारा राधेश्याम राय