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दोस्तों ये नया साल है भूल जाओ आपने गये काल को । नया सवेरा नयी धूप और नऐ ऊर्जा के साथ नऐ विश्वास का दिया जलायें | उस विश्वास के पथ पर चलकर अपने सपनों को साकार बनायें । दोस्तों ये नया साल है भूल जाओ आपने गये काल को । आओ अपने नन्हे हाथों से नऐ भारत की गाथा लिखें जहां युवाओं को रोज़गार मिले और महिलओं का हो सम्मान । समाज में सुख समृद्धि हो किसानों की भी तरक्की हो । दोस्तों ये नया साल है भूल जाओ आपने गये काल को । आओ मिलकर सौहाद्र बनायें और नफरतों को मिटायें अमन चैन और शांती का परचम विश्व में लहराये । जीवन में खुशियाँ हो सबके दुख का कहीं ना नाम हो समाज के हर वर्गों का आपस में सम्मान हो । खुशहाल हो देश हमारा यही मेरी अभिलाषा है विविधता में भी एकता यही इस देश की परिभाषा है । दोस्तों ये नया साल है भूल जाओ आपने गये काल को । हमजा इकबाल

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