Meaning of साथी in English
- A cooperator.
- An associate in the commission of a crime; a participator in an offense, whether a principal or an accessory.
- To join with one, as a friend, companion, partner, or confederate; as, to associate others with us in business, or in an enterprise.
- To join or connect; to combine in acting; as, particles of gold associated with other substances.
- To connect or place together in thought.
- To accompany; to keep company with.
- To unite in company; to keep company, implying intimacy; as, congenial minds are disposed to associate.
- To unite in action, or to be affected by the action of a different part of the body.
- Closely connected or joined with some other, as in interest, purpose, employment, or office; sharing responsibility or authority; as, an associate judge.
- Admitted to some, but not to all, rights and privileges; as, an associate member.
- Connected by habit or sympathy; as, associate motions, such as occur sympathetically, in consequence of preceding motions.
- A companion; one frequently in company with another, implying intimacy or equality; a mate; a fellow.
- A partner in interest, as in business; or a confederate in a league.
- One connected with an association or institution without the full rights or privileges of a regular member; as, an associate of the Royal Academy.
- Anything closely or usually connected with another; an concomitant.
- One who accompanies or is in company with another for a longer or shorter period, either from choice or casually; one who is much in the company of, or is associated with, another or others; an associate; a comrade; a consort; a partner.
- A knight of the lowest rank in certain orders; as, a companion of the Bath.
- A fellow; -- in contempt.
- A skylight on an upper deck with frames and sashes of various shapes, to admit light to a cabin or lower deck.
- A wooden hood or penthouse covering the companion way; a companion hatch.
- To be a companion to; to attend on; to accompany.
- To qualify as a companion; to make equal.
- An equal, as in rank, age, prowess, etc.; a companion; a comrade; a mate.
- To be equal with; to match.
- Alt. of Compeir
- A mate, companion, or associate.
- of Crony
- of Felly
- A companion; a comrade; an associate; a partner; a sharer.
- A man without good breeding or worth; an ignoble or mean man.
- An equal in power, rank, character, etc.
- One of a pair, or of two things used together or suited to each other; a mate; the male.
- A person; an individual.
- In the English universities, a scholar who is appointed to a foundation called a fellowship, which gives a title to certain perquisites and privileges.
- In an American college or university, a member of the corporation which manages its business interests; also, a graduate appointed to a fellowship, who receives the income of the foundation.
- A member of a literary or scientific society; as, a Fellow of the Royal Society.
- To suit with; to pair with; to match.
- In a fell or cruel manner; fiercely; barbarously; savagely.
- The exterior wooden rim, or a segment of the rim, of a wheel, supported by the spokes.
- One who has a part in anything with an other; a partaker; an associate; a sharer. "Partner of his fortune." Shak. Hence: (a) A husband or a wife. (b) Either one of a couple who dance together. (c) One who shares as a member of a partnership in the management, or in the gains and losses, of a business.
- An associate in any business or occupation; a member of a partnership. See Partnership.
- A framework of heavy timber surrounding an opening in a deck, to strengthen it for the support of a mast, pump, capstan, or the like.
- To associate, to join.
Meaning of साथी in English
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- मौत की दुआ...
- #poetry शीर्षक : " एक पल तो गुजारा है तूने "
चलो उम्र ना सही,
मेरा एक लम्हा तो सवारा है तूने,
वादा किए आखिरी सास तक की,
पर होते ही उड़ गए...
चलो जिंदगी का,
एक पल तो गुजारा है तूने ।
तबाह कर गया मुझको,
लब्जों मे बया भी नही कर सकता,
किया कितना खसारा है तूने,
पतझड़ का मौसम हो गयी है जिंदगी,
मेरा छीना एक - एक सहारा है तूने ।
मेरी मुश्किलें... उम्र के साथ
बढ़ती जा रही है,
कैसे कह दूँ...
दर्दों से मुझको उबारा है तूने,
जो तुम चल दिये..
अपनी यादों को भी लेकर जाते,
खुद को बसाकर...
अपने दिल से मुझको, नकारा है तूने ।
ये हवाएँ... ये फिजायें...
खुशबु नही लाती... अब...
पहले की तरह,
लगता है गुलशन को भी
बदन से उतारा है तूने,
वो लबों की मुश्कान तेरी...
ख्वाबों मे भी दिल को चिर जाती है,
जाने क्यूँ... और कैसे...
मेरी मोहब्बत को, किया किनारा है तूने ।
वफा, एहतराम.. जो कुछ भी है,
तेरे - मेरे दरमियाँ.. इश्क़ में
सारा का सारा.. हमारा है,
ऐ साथी , साथ छोड़ जाना तेरा,
हर शाम गुजारती है मयखाना मेरा,
संभलना कहीं तुझे भी
कोई छोड़ ना जाए...
किया गलत इशारा है तूने ।
वादा किये आखिरी सास तक की
पर होते ही उड़ गए,
चलो जिंदगी का....
एक पल तो गुजारा है तूने..... ।।
✍️ Author Munna Prajapati
#post #virals #love #sadness #new #sad #sadlife
- #ghazal झुटा है हर सवाब यहाँ....
किससे तालुक रखे,किससे दिल लगाएं कोई,
झुटा है हर सवाब,फरेब छुपाये हुए सोए कोई ।
हम तो वफा करते मगर ,आपने ही दफा किये.. ३
बेजूबा हुए हमको बुलाये कोई....
किससे तालुक रखे, किससे दिल लगाए कोई...
जला है घर अपना, धुआँ भी कहीं नजर नहीं आता... ३
जले दरख़्त आरे बुझाए कोई...
किससे तालुक रखे, किससे दिल लगाए कोई....
हम भूल बैठे के अपना, नहीं है यहाँ अपना कोई.... ३
लूट गए कितना समझाए कोई....
किससे तालुक रखे, किससे दिल लगाए कोई....
काश वो मुलाकात ,उनसे फिर एक बार हो जाए... ३
काश सच से अवगत कराये कोई...
किससे तालुक रखे, किससे दिल लगाए कोई.....
सूझ बुझ से जरा थम के, कोई भी रिश्ता बनाना साथी... ३
लुभायेंगी बड़ी अदा - ए कोई....
झुटा है हर सवाब, फरेब छुपाए हुए सोए कोई
किससे तालुक रखे, किससे दिल लगाए कोई..... ।
~ मुन्ना प्रजापति
सवाब = पुण्य
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नोट :- यदि आप इस गीत गजल को व्यापारिक तौर पर रिकॉर्ड करके रिलीज करना चाहते हैं तो कर सकतें हैं परंतु हमारी अनुमति लेने के बाद, हमारी अनुमति अनिवार्य है । धन्यवाद🙏 +९१७८९७८६८६२५
- #lyrics कइसे बाकी के उमिरिया हम बितायी सजना..
तु त चली दिहल, केहु औरि के अपनायी सजना,
कइसे बाकी के उमिरिया हम बितायी सजना... ।
पोश - पाल बाड़ा कईले बाप - महतारी,
हाथे तोहरा सौप दिहले, आपन फुलवारी ।
ई कईसन वफा बाटे, छोड़ी दिहल साथ हो,
अग्नि के सात फेरा लिहल, धई हमार हाथ हो ।
दुनिया के लोग हममें कमी बतियाई...
ना साहायी सजना....
त सुनी , सुनी के करेजवा फाटी जाई सजना...
हम त जी लेहब कसहुँ, धूप चाहे छईंया,
बबुआ जे खोजी तोहके, बताव ना उपईया ।
तोहरा आ सवतीन के..साथ जब होई,
दिन रात रोइ अखिया, जागी ना सोई... ।
कुछउ ना सूझी बतिया, भीतरी से खाई..
मरी जाई सजना....
तोहरी साथी आ संगिनिया, मिट जाई सजना.. ।
तोहरा भिरी आईल उ बिया, देखी के रूपईया,
परदा पड़ल बा तोहरा आँखी, एहो मोरे सईया ।
जनब हक़ीक़त जहिया मीठी - मीठी बात के,
बाड़ नादान बुझ ....औरत के जात के .. ।
दिनवा जे ढली तनिका, हटी परछाई...
सगरी छुट जाई सजना....
बितली समईया कुछ ना ,भेटायी सजना....
कइसे बाकी के उमिरिया हम, बितायी सजना ।
Author Munna Prajapati #new #virals #lyricist #LyricChallenge #pawansingh #shilpiraj #GoluRaja #ankushrajaofficial #singer #singersongwriter #bhojpuri #khesari #pramodpremiofficial_
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- #lyrics तु ना जा रे सजना....
कईसे sssss भुलाईब तोहके..
तु ना जा, ना जा, ना जा, तु ना जा रे सजना
मोरा दिल के sssss दुखाईके...
तु ना जा, ना जा, ना जा, तु ना जा रे सजना
ना तोड़s नेहिया के डोर अईसे,
ना होई जिनगी मे भोर फिर से,
खाली तोहार बात ही सुनके...
नैना लागल हामार बरसे ssssssss
कईसे sssss भुलाईब तोहके..
तु ना जा, ना जा, ना जा, तु ना जा रे सजना.. ।
एतना लमहर दुनिया में, हम बस तोहरे के जानी... २
ई तोहरे हs मन के अंगनवा, तोहरे के सब कुछ मानीssss
धड़कन मे sssss बसाईब तोहके...
तु ना जा, ना जा, ना जा, तु ना जा रे सजना
ना तोड़s नेहिया के डोर अईसे,
ना होई जिनगी मे भोर फिर से,
खाली तोहार बात ही सुनके...
नैना लागल हामार बरसे ssssssss
कईसे sssss भुलाईब तोहके..
तु ना जा, ना जा, ना जा, तु ना जा रे सजना.. ।
हाथवा मे हाथ तु लेके, सफर के साथी बना लs.... २
बस गईलs तु नैनन मे, हमे धड़कन में बसालs ssss
ना अईसे ssssss रुलाई हमके...
तु ना जा, ना जा, ना जा, तु ना जा रे सजना
ना तोड़s नेहिया के डोर अईसे,
ना होई जिनगी मे भोर फिर से,
खाली तोहार बात ही सुनके...
नैना लागल हामार बरसे ssssssss
कईसे sssss भुलाईब तोहके..
तु ना जा, ना जा, ना जा, तु ना जा रे सजना.. ।
~ मुन्ना प्रजापति
#virals #life #lineart #bhojpuri_song #bhojpuri #bhojpuriviral #songlyrics #songwriter #song #pawansingh999 #shilpiraj #singing #singer
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- आइए हम जीवन को आसान बनाएं,
कोई भी इस दुनिया से जिंदा नहीं निकलेगा। जिस जमीन के लिए आप लड़ रहे हैं और मारने को तैयार हैं, उस जमीन को कोई छोड़ गया है, वह मर चुका है, सड़ा हुआ है, और भुला दिया गया है। तुम्हारा भी यही हाल होगा। आने वाले 150 वर्षों में, आज हम जिन वाहनों या फोनों का इस्तेमाल अपनी शेखी बघारने के लिए कर रहे हैं, उनमें से कोई भी सदैव का साथी नहीं होगा। बीको, जीवन को आसान बनाओ । बहोत खुशी होती है मन को किसी को वास्तव में खुश करने मे, करके तो देखो ।
प्रेम को आगे बढ़ने दो। आइए एक दूसरे के लिए वास्तव में खुश रहें। कोई द्वेष नहीं, कोई चुगली नहीं। कोई ईर्ष्या नहीं। कोई तुलना नहीं। जीवन कोई प्रतियोगिता नहीं है। यह हमारा सौभाग्य है जो मनुष्य का तन मिला है । दिन के अंत में, हम सभी दूसरी तरफ पारगमन करेंगे। यह सिर्फ एक सवाल है कि वहां पहले कौन पहुंचता है, लेकिन निश्चित रूप से हम सभी किसी दिन वहां जाएंगे।
ये जीवन तो बिल्कुल सरल है, इसे दुखी और कठिन हम खुद ही बना देते हैं अन्य लोगों से तुलनात्मक भाव रखकर, इर्ष्या करके । हम क्यूँ दुखी होते हैं किसी की खुशी को लेकर , किसी को सफल देखकर! लेकिन नहीं...
जिस प्रेम से हमारा जन्म हुआ है हम उसी के दुश्मन हैं । बदलो खुद को दुनिया खुद ब खुद बदल जायेगी । ये संसार तो हम ही से है । जो रवैया अभी है यदि ऐसा ही चलता रहा तो एक दिन सर्वनाश निश्चित है । समझो ना,,तुम्हे तो उपर वाले ने सोचने समझने की शक्ति तो दी है । यहाँ अत्यधिक लोग अपनी ऊर्जा का उपयोग किसी दूसरे को मिटाने मे कर रहें हैं । ऊर्जा सही दिशा में लगाओ । जरा सोचो हमारे देश में 140 करोड़ लोग हैं, यदि सभी लोग एक दिशा में चलें तो हम कहा पहुँच सकतें हैं..... सोचो और चलो..... ।
~ Author Munna Prajapati
- गलत लोगों का साथ रहना, बहोत हानिकारक है, ख्याल करें :-
मैं आपसे दिल की बात करूंगा। वो बात जो शायद आप सुनना नहीं चाहते, पर जो सच है।
जानते हो, जिंदगी एक सफर है। और इस सफर में हमारे साथी कौन हैं, ये बहुत मायने रखता है।
मुझे याद है, मेरा एक दोस्त था - अमन ( कल्पनिक नाम)। कितना होशियार था वो। लेकिन फिर क्या हुआ? गलत दोस्तों के चक्कर में फंस गया। धीरे-धीरे नशे की गिरफ्त में आ गया। आज जब उसे देखता हूं तो दिल दुखता है। वो चमकती आंखें अब खाली सी हो गई हैं।
फिर सोनू की कहानी है ( मैने कहीं पढ़ा है )। प्यार में अंधा होकर एक ऐसी लड़की से शादी कर ली जो उसे समझती ही नहीं थी। आज वो घर में रहता है, पर अकेला महसूस करता है। उसकी मुस्कुराहट कहीं खो गई है।
और रीना (यह उदाहरण ली गई है )? उसने अपने माता-पिता की बात मानकर एक ऐसे शख्स से शादी कर ली जो उसे पसंद ही नहीं था। आज वो जिंदा है, पर जी नहीं रही।
मैं ये सब देखकर सोचता हूं - क्यों हम अपनी जिंदगी को इतना कम आंकते हैं? क्यों हम गलत लोगों को इतनी अहमियत देते हैं?
दोस्तो, समझो। गलत लोग सिर्फ हमारा वक्त ही नहीं बर्बाद करते, वे हमारी रूह को भी तोड़ देते हैं। वे हमारे सपनों को कुचल देते हैं। हमारी हंसी छीन लेते हैं।
लेकिन याद रखो, अभी भी देर नहीं हुई है। अगर आप गलत लोगों से घिरे हुए हैं, तो बाहर निकलने की हिम्मत जुटाओ। हां, मुश्किल होगा। दर्द होगा। लेकिन ये दर्द उस दर्द से कम होगा जो आप अपनी पूरी जिंदगी गलत लोगों के साथ रहकर झेलोगे।
अपने आप से प्यार करो। अपने सपनों को अहमियत दो। सही लोगों को अपनी जिंदगी में जगह दो। वो लोग जो आपको ऊपर उठाएं, आपको प्रेरित करें, आपकी खुशियों में खुश हों।
क्योंकि अंत में, जिंदगी बहुत छोटी है। इसे उन लोगों के साथ जियो जो इसे खूबसूरत बनाते हैं, न कि बर्बाद करते हैं।
माँ बाप को भी अपने बच्चों के प्रति विचार करने का आग्रह करता हूँ । जो अपने बच्चों को पुराने उसूलों पर चलाते हैं और अपने अनुसार उनके भविष्य को निश्चित करना चाहते हैं ।
नही ऐसा क्यूँ होगा कोई, हर एक इंसान अलग अलग खूबियों से सुसज्जित है उसे अपने खूबियों पर काम करने दीजिये, वो एक दिन सर्वश्रेष्ठ साबित होगा ।
अगर आप मे काबिलियत है और आप उस जगह पर नहीं हैं तो क्यूँ नही हो! सोचो तुम्हे वही पर होना है, अगर तुम कहीं और हो तो क्यूँ!
तुम कभी सफल नही होंगे । जीवन भर संघर्ष ही संघर्ष रहेगा । कभी दिल को खुशी नही मिल सकती ।
ख्याल करो, सोचो और जो हुनर तुम मे है उसके साथ आगे बढ़ो । जो लगे की तुम्हारे लिए सही नही है, उससे खुद को किनारा कर लो । दूर हो जाओ । संगत का प्रभाव इंसान को ले डूबता है कहीं का नही छोड़ता । ये मेरी बातें कहीं लिख लेना और जीवन भर याद रखना ।
मै उतना बड़ा ज्ञानी तो नही परंतु जो मन में आया मैने समझाने की कोशिश की है अब आगे आपकी इच्छा । धन्यवाद🙏
✍️ Author Munna Prajapati
- अनिश्चितता को गले लगाना: लगातार बदलती दुनिया की चुनौतियों से निपटना
- हमसफ़र
- मेरे हमसफ़र
- जुगाड़...
- वो सर्द रात- 12
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