#poetry शिर्षक:" वो सबक थी मेरी जिंदगी का "
एक खूबसूरत, रंग बिरंगी तितली,
फूलों से उड़कर, मेरे जिशम् को
छुकर, उड़ गयी ।
जाने किस तरह, मेरी निगाहों से,
मेरे दिल में उतरकर, मुझसे,
मेरे सपनों से जुड़ गयी ।
खूब हसाती, बिलखाती, प्यार जताती,
हर पल, मेरे दिल के बाग़ीचे मे बिहार करती ।
मुझे लगा, फल है मेरी ,किसी बंदगी का,
मुझे लगा ये मेरी मोहब्बत है,
लेकिन वो सबक थी मेरी जिंदगी का... ।।
जाने क्या हुआ, जलता चराग़ धुआ हुआ,
जाने कैसी हवा लगी,
किस मौसम ने उसको छुआ ,
एक पल मे कोई अपना, सपना हुआ,
जाने कहाँ छिप गयी जाकर, एक उम्र तक
मेरी नजरों को तड़पना हुआ ।
कोई बहकाया या बहक गयी,
किसी और के बाग़ीचे मे जाकर, चेहेक गयी ।
रंग उतर गया मेरे चेहरे से, आशिकी का
मुझे लगा ये मेरी मोहब्बत है...
लेकिन वो सबक थी मेरी जिंदगी का ।।
मै अकेले अंधेरों मे, खामोश रहा,
उसकी वेदना मे मदहोश रहा ।
मैने सदिओं बाद, कलम कागज से साथ की,
दिल की हर बात लिखा, और फिर
खुद से बात की ।
अभी तक कोई इश्क़ का पैग़ाम नही आया,
वो मिटा ही नही, जो रंग दिल मे समाया,
दर्द, खामोशी, सबर, चिखना, सिसकना,
मैने बहोत कुछ सिखा...
जो कुछ भी मेरे हिस्से मे आया ।
मुझे लगा, वो मौजूदगी है मेरी, गैर मौजूदगी का
मुझे लगा, वो मेरी खुदा की इबादत है...
लेकिन नहीं.....
वो सबक थी मेरी जिंदगी का... ।।
Author Munna Prajapati #love #life #sadlife #sad #post #poetrylovers #poem #poetrychallenge #viralpage #writing #writes