#lyrics #bhojpuri ए सखी कईसे मनायी...
ए सखी कईसे मानाई,
हयी तिरछी नजरिया के... २
जेने पावे नेहिया ओने...२
बिछा देला शरीरिया के.....
ए सखी कईसे मानाई,
हयी बढ़ती उमरिया के... २
हाय गदरल जवानी हमार,
कोमल ई बदनिया,
रहे ना बस मे करे, बड़ी रे नदनिया.... २
हाँ खाली प्यार खोजेला,
दिन रात बस उहे सोचेला,
हाय कईसे बचा के रखी...२
धानावा सवरिया के..
ए सखी कईसे मानाई ,
हयी तिरछी नजरिया के....
केतनो खायीं खाना बाकी,
भरे नाहीं जियारा,
मन करे चली जायीं कुतुब,
मीनार के नियारा... २
बड़ी बानी हम परशान,
बढ़ल जाता मोर मायान,
एहो धयीलस ई कईसन.. २
हयी बेमारी लभेरिया के..
ए सखी कईसे मनायी,
हयी तिरछी नजरिया के.....
✍️ Author Munna Prajapati
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