रचनाकार गद्य एवं पद्य दोनों ही रचनाओं में निपुण है
सामान्य व्यक्ति जाओ अपने मनोभावों को व्यक्त करना चाहता है तो अधिकांश था वह काव्य का सहारा लेता है
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मैं आँखों से तेरे होठों की मिठास चख लूँ?तू कहे तो आज रात तुझे दिल के साथ रख लूँ?दे दूं तुझे खुशियों का शालीमार बाग हीतेरे दर्द के बंजर को अपने पास रख लूँ?बिछौना तो लगा दिया क्या एक लिहाफ र