#lyrics #song बहोत झुटा है जमाना...
बहोत झुटा है जमाना, के इश्क़ ना होवे....२
किसी को यहाँ नही इश्क़ है निभाना,
के इश्क़ ना होवे.....
बहोत झुटा है जमाना.. के इश्क़ ना होवे।
अंजान कोई बस यूँ ही आयेगा,
आकर दिल मे बस जायेगा,
कुछ दिन बीतेंगे खुशी से,
फिर बाद मे वही तड़पायेगा ।
कोई छेड़े ना दिल का तराना,
के इश्क़ ना होवे....
बहोत बुरा है जमाना.. के इश्क़ ना होवे ।
कच्ची कली है बदन मेरा,भवरे मंडरायेंगे,
बैठेंगे रस लेकर फुर्र से उड़ जायेंगे,
ना आयेंगे नजर कहीं और हम
उन्हे ढूढते रह जायेंगे ।
ना है हमको बाद में पछताना,
के इश्क़ ना होवे....
बहोत बुरा है जमाना.. के इश्क़ ना होवे ।
ऐसे बिछड़े रांझे हीर से,
जैसे रुसवा हो गए तकदीर से,
ना मिल सके लैला मजनू उल्फत मे,
इश्क़ नहीं होता जबानी तकरिर से ।
देखा है रचित कोई ना बचा आशियाना,
के इश्क़ ना होवे....
बहोत बुरा है जमाना.. के इश्क़ ना होवे ।
✍️ Author Munna Prajapati
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