shabd-logo
Shabd Book - Shabd.in

अंतिम सत्य

Meenakshi Suryavanshi

25 अध्याय
182 लोगों ने खरीदा
146 पाठक
29 जुलाई 2022 को पूर्ण की गई
ISBN : 978-93-94582-21-7
ये पुस्तक यहां भी उपलब्ध है Amazon Flipkart

जिंदगी बहुत मुश्किल है और ये बात हमें कदम-कदम पर पता चलती रहती है। कभी परिवार की जरूरतों को लेकर तो कभी अपने आकांक्षाओं को पूरा करने की चाहत में हमें कई मुश्किलों से गुज़रना पड़ता है। यह मेरी कहानी अंतिम सत्य में एक ऐसे कड़वे सच को दर्शाया गया है, समाज में जो इंसान पूरी जिंदगी अपने परिवार के लिए कमाता है, उसकी मृत्यु के पश्चात पूरा परिवार उसकी मौत का दुख नहीं बल्कि इस चीज का दुख होता है कि सर्विस रिकॉर्ड में नाम किसका है और उसके दौलत का हकदार कौन होगा??? यह हमारे समाज का कड़वा सच है कि इंसान जब तक जिंदा है तब तक ही सब कुछ है। उसके मरने के बाद में उसका अस्तित्व ही खत्म हो जाता है।  

antim satya

0.0(13)


Bahut achi story hai.


Nice story.


Behtreen kahani jisme Satyata ko bakhubi darshaya apne 👏


Badhiya kahani h

पुस्तक के भाग

1

अंतिम सत्य(भाग-1)

2 जुलाई 2022
109
51
6

👉यह कहानी काल्पनिक है,, , इससे किसी का कोई लेना देना नहीं है।👈 अंकल..........पापा की सर्विस सीट में किस किस का नाम होगा, यह सुन कर मैं हैरान सा रह गया..... क्योंकि ये सवाल बड़ा अजीब सा था, उस जगह....

2

अंतिम सत्य (भाग-2)

3 जुलाई 2022
38
12
2

जलती चिता भी क्या खूब बयां कर गई गवाह मुझे बना रिश्तो की मौत का मेरी उम्मीदें भी तबाह कर गई सोचते रहा पूरी रात जीवन का यही है काला सच किसे समझे अपना किसे समझे पराया यही सोचकर हमने गुजारी उनकी यादो

3

अंतिम सत्य(भाग- 3)

5 जुलाई 2022
12
9
0

अस्थि विसर्जन को चुनने चले थे साथी चार शमशान तक भला जाए कैसे किसको दे दायित्व सभी करें विचार बटवारा हमारा हक था कि काम करेगा अब जवाई उसे भी तो मिला मकान क्या हमने ही ली सारी कमाई वाह रे दुनिया

4

अंतिम सत्य(भाग- 4)

7 जुलाई 2022
11
8
1

गुजरे हुए उसके हुआ दिन पूरा एक दिन भर याद सताती रही भूलने उसे जतन करूं अनेक कल तक जो बात ना करे देखो कौओ को खिलाये खीर देखने जिस जतन की भीड़ लगी पर कोई एक तो बहाये नीर..... &nb

5

अंतिम सत्य(भाग-5)

7 जुलाई 2022
10
8
0

भला कौओ को क्यों खिलाए मन में उपजा लालच भूल मातम को शोर मचाए सब कोई ढूंढे कागज मैं बैठा देख तमाशा भला क्यों यह नीर बहाऊ जीने का हर पल सोच रखा था मैं किसको बतलाऊ सब कुछ तो था तुम्

6

अंतिम सत्य(भाग-6)

8 जुलाई 2022
9
7
0

जन्म से रिश्ते मिलेतो कुछ खुद के ही बनाये फिर भी क्यों मन में रही आज बसी कोई तो मुझे अपनाए जीवन पंथ की ये बेला है इस सृष्टि का खेल ही ऐसा माया ने ही रिश्ते बुने जिन रिश्तो का मोल ही प

7

अंतिम सत्य(भाग-7)

8 जुलाई 2022
12
8
0

चिता से उड़ती चिंगारियों को मिला न आसरा हवाओं का जिंदगी गुजारी जिनके खातिर क्या किस्सा सुनाएं उनकी वफाओं का दर्द बयां करें यदि मौत का तो जमीं क्या फट जाएगा आसमां जिन की खातिर जीवन त्याग आखिर इत

8

अंतिम सत्य(भाग-8)

11 जुलाई 2022
12
8
0

सेहरे शादी सपने और मंजर भी देखा मौत का सबसे अलग न्यारा रिशता मिला तो वह दोस्त था ना कुछ देना मिलना और न कुछ चाह थी चोट जो लगती जरा सी भी निकलती पहले उसकी आह थी बेशक जीता होगा मुझे इस दुनिया क

9

अंतिम सत्य (भाग-9)

11 जुलाई 2022
9
7
0

मैं सुनता हूं ऐसा कि तेरी मुक्ति के लिए ईश्वर स्वयं तुझे सुनाएं गरुड़ पुराण...... देख जाग जमीन पर हो रहे हैं रिश्ते तार-तार निकाल रहे हैं मेरी जान......... तू आजाद होकर बेफिक्र उड़ता होगा आसमानों

10

अंतिम सत्य (भाग-10)

12 जुलाई 2022
9
6
0

स्वार्थ सिद्धि में बने यह रिश्ते क्या पत्नी बेटा और बाप लालच कुंडली मारकर बैठा जैसे पिंडरी में साँप जन्म लेते ही दे विदाई मृत्यु पर महंगाई का रोना भला मरे से क्या मिले जो उसके

11

अंतिम सत्य (भाग-11)

12 जुलाई 2022
7
6
0

तेरी हसरतें और जोश ए जुनून कहानी किस्से ना बन जाए कहीं तुझे आदर्श बना किताबों में न पढ़ाया जाए डर है मुझे अपनी गलतियां छुपाने को वो भी यही तरीका अपनाएंगे और तुझे वफादार की श्रेणी में ला उन कागजों क

12

अंतिम सत्य(भाग-12)

12 जुलाई 2022
5
5
0

शहीद बना उसे लोग लगा रहे थे नारे कोई गिनाये शाहदते उसकी तो किसी के नजर आये गर्दीश में सितारे शहीद कैसा ,कौन क्या अर्थ है, मैं ए सोचूँ विवश हूँ जानकर भी क्यो भला मैं खुद को रोकूँ माफ करना ए द

13

अंतिम सत्य(भाग-13)

13 जुलाई 2022
7
5
0

जीते जी जिन्हें अबतक सुहाया , उसकी मृत्यु पर सुनाये , देखो शोक संदेश निस्वार्थ सेवा और क्या क्या कहे , कैसे झूठे दे उपदेश स्वार्य में घिरा ये संसार यहाँ किसी का न कोई ठौर सबकी अपनी - अपनी

14

अंतिम सत्य(भाग-14)

13 जुलाई 2022
6
6
0

बच्चों के सपने टूटे, पिता की छुटी आस, ममता प्रकृति को देती दुहाई, लौटा दे बेटे को काश, झुठलाती मौत का हरपल, कैसे माने किसी का कहना कौन पूछेगा माँ का हाल, कौन मनाये तेरी बहना, अक्सर पुकार कानों में

15

अंतिम सत्य(भाग-15)

13 जुलाई 2022
5
5
0

राम राम दशरत भजे रही न राम की आस पुत्र मोह में पिता तरसे कौन बुझाये प्यास मृत्यु ऐसी बाबरी जिसकी ना ढीली पाश तपोवन की अग्नि है वह पेड़ बसे न घास घायल हृदय को कौन समझाए मौन खड़ी यह भीड़ ब

16

अंतिम सत्य(भाग-16)

14 जुलाई 2022
4
4
0

पल भर में मिट जाये हस्ती फिर कैसा अभिमान जान बूझकर करता गलती और बने अनजान कर्म फल की न चिंता करता कैसे कैसे करे जतन तिल तिल कर जोड़े धन को साथ न जाये कफन शान ए शौकत रिश्ते नाते भला किसको दिखाए जि

17

अंतिम सत्य(भाग-17)

15 जुलाई 2022
5
5
0

रिश्ते नाते दोस्ती यारी जग जनता दरबार जिससे जब जब जो मिला उन सबका आभार माफ करे वो मुझे जिनका कुछ बचा हो शेष सात दिन का मेहमान हूँ और कह दो यदि कुछ बात विशेष हूँ राख का ढेर सही पर जिन्दा हैं ज

18

अंतिम सत्य (भाग-18)

18 जुलाई 2022
6
5
0

जो जी उठे तो फिर दफनाने को है सब तैयार तुझसे ज्यादा तेरी दौलत से होने लगा अब उनको प्यार सूखने लगे आसूं अब उन आंखों में दिखती है पैसों की चमक न जाने क्यों चिता की राख पर गिरते पानी से भी लोग

19

अंतिम सत्य(भाग-19)

18 जुलाई 2022
5
5
0

मुशिकले हजार थी , लेकिन तेरी हिम्मत का भी नहीं था जवाब क्या खूब कमाया तुने घर ,गाडी ,बर्तन सब कुछ थे लाजवाब न जाने मेरे दोस्त क्या-क्या रहे होंगे तेरे ख्वाब तेरी हर नसीहत भूल देख ये तेरी दौलत उ

20

अंतिम सत्य(भाग-20)

19 जुलाई 2022
4
4
0

किसने कहूँक्या कहूँ ,या लिखूँ ख्वाब मेरे न समझ कोई अफसाना सख्त हो गया हूँ मैं न कर शिकायत ,मेरा मकसद नहीं किसी को डराना मुझे चिंता है तेरे माँ बाप की जो लगता हैं सबके लिये जग जाहिर बुरा लगे

21

अंतिम सत्य(भाग-21)

20 जुलाई 2022
4
4
0

जलती चिता से उठता धुँआ करता यही सवाल, क्यों बेरुखी सा आलम सबका, किसका नही रखा मैनें ख्याल, जीते जी जो साथ रहने की कसमें खाते, मौत पर भला क्यो एक पल भी साथ रहने से घबराते, क्यों जल्दी करे प

22

अंतिम सत्य(भाग-22)

21 जुलाई 2022
4
4
0

किसे कहे अपना ,क्या उन्हें जिनसे है खून के रिश्ते या अपना ले उन्हें जो बनकर आये जीवन में फरिशते दौलत देख सब निभाए और कंगाली में हाथ छुड़ाए जरा सोच से मजबुर ए दिल किसे छोड़े किसे अपनाये क

23

अंतिम सत्य(भाग- 23)

23 जुलाई 2022
4
4
0

शिद्दत ए महफिल में ना मुस्कुरा सके जाने क्यों लगने लगा अब मुझे डर चेहरे पर मायूसी आंखों में आंसू लिए फिरते हैं शायद यह तेरी ना मौजूदगी का ही है असर न संगीने महफिल और मजाक होती अब जब जब हो जाती थी

24

अंतिम सत्य(भाग-24)

25 जुलाई 2022
4
4
0

चिराग ए इल्म की शिद्दत में यह दीप क्यों लगा बहकने क्या साथ चल ना सका या अब पसंद नहीं तुझे तेरे अपने भला क्यों है तु रुसवा सबसे नही देता किसी का जवाब किस दुनिया का मालिक बन बैठा तुझ पर छाय

25

अंतिम सत्य (भाग अंतिम -25)

28 जुलाई 2022
7
4
1

काम क्रोध और लोभ मैं तज कर जा सकता हूं लेकिन चाहूं भी तो मैं मेरे दोस्त तुझे कैसे भुला सकता हूं तेरा साथ भी तो एक बंधन है बता भला मैं क्या तज तुझे अकेला मुक्ति पा सकता हूं तेरे भरोसे छोड़ गया

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए