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ये 5 काम अमावस के दिन कभी भी न करें! नहीं तो होगा भरी नुकसान

29 जुलाई 2018

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भारतीय ज्योतिष शास्त्र के अनुसार एक महीने में दो पक्ष होता है, कृष्णा पक्ष जिसमे चन्द्रमा का अकार घटता जाता है और शुक्ल पक्ष जिसमे चन्द्रमा के आकर में वृद्धि होती है। कृष्ण पक्ष के आखिरी तिथि को चन्द्रमा पूरी तरह गायब हो जाता है और इसी दिन को अमावस्या कहते है।

अमावस्या के दिन को अशुभ मन जाता है क्योंकि इस दिन नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बहुत ज्यादा होता है। परन्तु पूजा, जप तप के लिए यह दिन बहुत ही शुभ होता है। इसके स्वामी पितृ देव है। इस दिन शुभ कार्य को नहीं करना चाहिए अन्यथा लाभ की जगह हानि होने की संभावना जायदा रहती है।

चूँकि चंद्रमा मन का कारक है इसलिए इस दिन मन बहुत असंतुलित रहता है शास्त्रों के अनुसार अमावस्या के दिन बहुत से कार्य निषेध बताये गए है। फिर भी अगर आप इन कार्यों को करते हैं तो जीवन में किसी न किसी रूप में परेशानी जरूर आएगी।


1. श्मशान जाने से बचना चाहिए

अमावस के दिन शमशान के आसपास नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव बहुत ज्यादा होता है जो, आप को अपनी चपेट में ले कर आप को नुकसान पहुंचा सकते हैं। मानसिक और शारीरिक तौर पे आपको परेशान कर सकते हैं। इसलिए जहां तक हो सके अमावस् के दिन श्मशान नहीं जाना चाहिए।


2. पेड़ों के निचे न जाएँ

चूँकि मेहंदी ,बरगद ,इमली ,मौलसिरी ,पीपल जैसे पेड़ों पर भूत-प्रेतों का वास होता है। इसीलिए ऐसे वृक्षों के निचे जाने से बचना चाहिए। यह आपको अपने वश में कर आपको दुखी कर सकते है। इसलिए अमावस के दिन खासकर रात्रि के समय में इन पेड़ो से दूर ही रहना चाहिए।


3. महत्वपूर्ण फैसला लेने से बचे

इस दिन कोई भी महत्वपूर्ण फैसला लेने से बचना चाहिए क्यूंकि अमावस को मन का संतुलन सामान्य नहीं रहता और इसी वजह से लिया गया कोई भी महत्वपूर्ण और बड़ा फैसला गलत साबित हो सकता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चंद्रमा मन का कारक होता है, और इस दिन चंद्रमा दिखाई न देने की वजह से मन में असहजता बनी रहती है। इसलिए आपके द्वारा लिया फैसला आपको परेशानी में डाल सकता है। इसलिए इससे बचने की जरुरत होती है।


4. लड़ाई झगड़े से दूर

अमावस्या की तिथि के देवता पितृ देव होते हैं। घर में सुख शांति और खुशी का माहौल पितरों की कृपा की से बनता है। पितरों को खुश करने और कृपा पाने के लिए जहां तक हो सके अपने आप पर और काबू रखें किसी से बिना वजह गाली गलौज मार-पीट ना करें। घर में प्यार का वातावरण बनाकर रखें। जप पूजा पाठ करे। ऐसा करने से पितर खुश होकर अपना आशीर्वाद देते हैं। इस दिन होने वाले घर के क्लेश से पितृ रुष्ट होते हैं। जिससे आपको और आपके परिवार को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।


5. संयम बरते और ब्रह्मचर्य का पालन करें

अमावस्या के दिन स्त्री हो या पुरुष दोनों को अपने मन पर नियंत्रण रखना जरूरी होता है। मन मैं बुरी कामना नहीं आने देना चाहिए। इस दिन शारीरिक संबंध बनाने से जीवन में परेशानियां बढ़ती है साथ ही इस संबंध से पैदा हुई संतान जीवन भर दुखी भोगती है। इसलिए इस दिन यौन संबंध न बनाये।

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