Meaning of जुओं से भरा in English
- Of or pertaining to lice; having the lousy distemper (phthiriasis); lousy.
Meaning of जुओं से भरा in English
English usage of जुओं से भरा
Synonyms of ‘जुओं से भरा’
Antonyms of ‘जुओं से भरा’
Articles Related to ‘जुओं से भरा’
- मौत की दुआ...
- विशेष दिवस
- काली पहाड़ी की चुड़ैल...
- 🧑🍳 कुंदरु की चटनी 🫕
- गेम ओवर...
- हर रातों को पूनम कह दूँ
- कहां गई मां मुझे छोड़ कर?
- सौगंध से अंजाम तक
- आम राजा
- दिल
- खुद से मिल
- किस्मत
- ये इश्क़ नहीं आसान
- Shri Ram
- वो सर्द रात- 3
- नाम,दाम,मुकाम,परिणाम सब काम से ही मिलते है
- कितनी मासूम होती है बेटियां
- || गज़ल ||
- नवीन धाराओं का सृजन
- हमारा दिल
- आशिकी
- #poetry शीर्षक : " एक पल तो गुजारा है तूने "
चलो उम्र ना सही,
मेरा एक लम्हा तो सवारा है तूने,
वादा किए आखिरी सास तक की,
पर होते ही उड़ गए...
चलो जिंदगी का,
एक पल तो गुजारा है तूने ।
तबाह कर गया मुझको,
लब्जों मे बया भी नही कर सकता,
किया कितना खसारा है तूने,
पतझड़ का मौसम हो गयी है जिंदगी,
मेरा छीना एक - एक सहारा है तूने ।
मेरी मुश्किलें... उम्र के साथ
बढ़ती जा रही है,
कैसे कह दूँ...
दर्दों से मुझको उबारा है तूने,
जो तुम चल दिये..
अपनी यादों को भी लेकर जाते,
खुद को बसाकर...
अपने दिल से मुझको, नकारा है तूने ।
ये हवाएँ... ये फिजायें...
खुशबु नही लाती... अब...
पहले की तरह,
लगता है गुलशन को भी
बदन से उतारा है तूने,
वो लबों की मुश्कान तेरी...
ख्वाबों मे भी दिल को चिर जाती है,
जाने क्यूँ... और कैसे...
मेरी मोहब्बत को, किया किनारा है तूने ।
वफा, एहतराम.. जो कुछ भी है,
तेरे - मेरे दरमियाँ.. इश्क़ में
सारा का सारा.. हमारा है,
ऐ साथी , साथ छोड़ जाना तेरा,
हर शाम गुजारती है मयखाना मेरा,
संभलना कहीं तुझे भी
कोई छोड़ ना जाए...
किया गलत इशारा है तूने ।
वादा किये आखिरी सास तक की
पर होते ही उड़ गए,
चलो जिंदगी का....
एक पल तो गुजारा है तूने..... ।।
✍️ Author Munna Prajapati
#post #virals #love #sadness #new #sad #sadlife
- Hindi diwas
- वो सर्द रात- 5
- ancestors' house
- मैं पुरखों के घर आया था
- माँ शारदे
- अभी अभी
- आत्मा
- आप सब को नवरात्र शुभकामनाएं
- बेटे:- पिता के राजकुमार
- #कर्म और भाग्य --
- प्रकृति और तुम
- #डिजिटलीकरण---
- दीपावली की लोककथा
- महाशिवरात्रि
- काश हम बच्चे ही रहते कवि: निशांत कुमार
- जता दीजिये
- दिल्ली एमसीडी चुनाव: राजनीतिक दलों के लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षा
- महामारी
- किसी का दिल मत तोड़ना
- तुम्हारी आँख में ठहरा हुआ हूँ
- भूखे लकड़बग्घे...
- "'"🧑🍳 मूंग दाल के चिले की सब्जी ""🫕
- “जानती थी वो”
- बेफिक्री
- वो सर्द रात- 2
- जंजीरें
- वो एक गुलाबजामुन की कसक -42 वर्षों से
- "अद्वितीय परिप्रेक्ष्य: अपने तरीके से परिवर्तन नेविगेट करना"
- जीवन
- "श्रीमदभागवत गीता पर स्व के भाव" {००}
- #अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस---
- सैलानियों का स्वर्ग काश्मीर
- तुम्हारी जुल्फ़ों के साए से भी न जाने क्यों डर सा लग रहा है
- अपनी बातों को ही मनवाया करता हूँ
- कैसा दौर
- '"' सुझाव किचन से 🫕
- टूट गई एक कली
- प्रयास
- वो सर्द रात...
- चम्मच
- धार्मिक अज्ञान
- माँ
- बिंदी
- नींद और ख्वाब
- कहानी अभ्यास
- ज़िक्र दिल - ए -हाल
- भाग्य से कर्म तक
- वो सर्द रात- 4
- विश्वामित्र-मेनका
- बोगेनविलिया
- बलिदानी सिपाही
- वो 5 साल की बच्ची का बाल सुलभ दुस्साहस
- शांत और ठण्डी राख़ - दिनकर से प्रेरित रचना
- अनादि
- कुछ ग़ज़ल सी
- इतना खाली है दिल मेरा
- Love shayari..
- दूरियों का खूंटा
- Nikhar rahe hai
- नव धारायें
- Writer Introduction - दीपक कुमार श्रीवास्तव “नील पदम्”
- Mother and father and daughter realtionship video
- हिम्मत
- Generation
- अनुभव
- never forget the wellwishers
- जीवन की गति
- लॉकडाउन में पड़ोसन टीचर को चोदा- 1
- मेरी प्यारी संजना
- आज भी ऐसा होता हैं!
- अजनबी
- इश्क़, बेरोज़गारी और जज़्बात
- Futuristic
- Ek Ladki Ki Kahani
- शायरी
- क्या आप भी क्लियर करेंगे एग्जाम
- #659 Ekantik Vartalaap & Darshan/ 06-09-2024/ Shri Hit Premanand Govind Sharan Ji Maharaj
- #hindi #lyrics तु इंसान नहीं.. गर..
जीता या मरता है सब कोई,
कैसे कोई खुली अखियाँ से सोई ।
शुकुन से बहोत फासलें नजर आयेगी,
गर तेरे भीतर नियत नहीं....
तु इंसान नहीं, गर
तुझमे इंसानियत नहीं ... ।
मजहब के नाम पर लड़ते हो,
इन ठेकेदारों के कहने मे पड़ते हो ।
भर रहें हैं देखो हैवानियत कहीं...
तु इंसान नही... गर
तुझमे इंसानियत नहीं..... ।
जो यह भ्रम भरतें हैं देखो,
कुछ ऐसा नहीं जो उनके पास नही,
तुम खुद को खो रहे हो और
तुम्हे एहसास नही ।
जता रहे हो शैतानियत, माशुमियत् नहीं....
तुम इंसान नहीं.. गर
तुझमे इंसानियत नहीं... ।
ये शीलशिला एक रोज तुम्हे भी ले डूबेगा,
जिस दिन ये अमन ओ चमन तुमसे उबेगा ।
अंजान हो गया तुझे ,जरा भी तरबियत नहीं....
तुम इंसान नहीं... गर
तुझमे इंसानियत नहीं..... . ।
✍️ Author Munna Prajapati
#love #life #virals #post #singer #songlyrics #writer #PostViral #hit #social #human #humanity
नोट :- यदि आप इस गीत को व्यापारिक तौर पर रिकॉर्ड करके रिलीज करना चाहते हैं तो कर सकतें है परंतु हमारी अनुमति लेने के बाद, हमारी अनुमति अनिवार्य है । धन्यवाद🙏
Browse Other Words By Clicking On Letters