Meaning of कीमिया द्वारा (प्रकृति या तत्व) बदलना in English
- To change by alchemy; to transmute.
Meaning of कीमिया द्वारा (प्रकृति या तत्व) बदलना in English
English usage of कीमिया द्वारा (प्रकृति या तत्व) बदलना
Synonyms of ‘कीमिया द्वारा (प्रकृति या तत्व) बदलना’
Antonyms of ‘कीमिया द्वारा (प्रकृति या तत्व) बदलना’
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वो कुछ भी करे, कुछ भी कहे मुझको,
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मुझसे, वो इश्क़ करे या ना करे,
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वफा, इश्क़ निभाने की बात तो बहोत छोटी है,
मै.... मै तो उसपे जान से मरता हूँ ।।
मै तबाह हो जाऊँ, कोई मलाल नहीं मुझको,
पर उसके आशुओं से डरता हूँ ।
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पर खयालों मे उसी के रहता हूँ ।।
उसे गुरुर है अपने हुश्न पर, दुआ है
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मेरा क्या... मै तो कैसे- कैसे
गुजर - बसर करता हूँ ।
अब कोई मेरे साथ भला करे या बुरा
क्या फर्क पड़ता है...
मै.... मै तो बस मोहब्बत- ए- नजर करता हूँ ।।
Author Munna Prajapati
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- #poetry " कोई गीत या प्रीत, ऐसे ही नही बनते "
रिश्ते निभाने के लिए, दो हाथ लगतें हैं,
और आपको ये आसान बात लगतें हैं ।
व्यक्तित्व उसमे नहीं जिसमे,
आपके आत्म सम्मान लगतें हैं ।।
धन कमाना है जीने के लिए सच है मगर,
खयाल यह भी रहे, करम मरने के बाद लगतें हैं ।
बस आज ही तो है, कल कहाँ है ,
अंतिम चरण में सिर्फ शमशान लगतें हैं ।।
सबकी दौड़ जारी है, एक दूसरे के पीछे,
कोई हमसे आगे ना निकल जाय...!
ये इंसान नहीं, बेईमानों के जात लगतें हैं ।
कुछ इंसान, यहाँ सर्वज्ञानि हैं, खुद में,
हमे तो ,ये सब , नादान लगतें हैं ।।
मै समय हूँ मुझे, खुद पर कोई रोक नहीं,
प्रत्येक अवस्था नये मुलाकात लगतें हैं ।
समझो, जीवन का सच जानने के लिए,
एक सच्चे और अच्छे, ईमान लगतें हैं ।।
कोई गीत या प्रीत , ऐसे ही नहीं बनते,
रचित, उनमे हमारे जज्बात लगतें हैं ।
युगों - युगों तक जीवित रहने के लिए,
तन मन से, महाबीर और वर्धमान लगतें हैं ।।
✍️ Author Munna Prajapati
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- #hindi #lyrics तु इंसान नहीं.. गर..
जीता या मरता है सब कोई,
कैसे कोई खुली अखियाँ से सोई ।
शुकुन से बहोत फासलें नजर आयेगी,
गर तेरे भीतर नियत नहीं....
तु इंसान नहीं, गर
तुझमे इंसानियत नहीं ... ।
मजहब के नाम पर लड़ते हो,
इन ठेकेदारों के कहने मे पड़ते हो ।
भर रहें हैं देखो हैवानियत कहीं...
तु इंसान नही... गर
तुझमे इंसानियत नहीं..... ।
जो यह भ्रम भरतें हैं देखो,
कुछ ऐसा नहीं जो उनके पास नही,
तुम खुद को खो रहे हो और
तुम्हे एहसास नही ।
जता रहे हो शैतानियत, माशुमियत् नहीं....
तुम इंसान नहीं.. गर
तुझमे इंसानियत नहीं... ।
ये शीलशिला एक रोज तुम्हे भी ले डूबेगा,
जिस दिन ये अमन ओ चमन तुमसे उबेगा ।
अंजान हो गया तुझे ,जरा भी तरबियत नहीं....
तुम इंसान नहीं... गर
तुझमे इंसानियत नहीं..... . ।
✍️ Author Munna Prajapati
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नोट :- यदि आप इस गीत को व्यापारिक तौर पर रिकॉर्ड करके रिलीज करना चाहते हैं तो कर सकतें है परंतु हमारी अनुमति लेने के बाद, हमारी अनुमति अनिवार्य है । धन्यवाद🙏
- The Mahabharata as I see it
- प्रेम
- अभी एक हास्य कविता मन मे आया, लिख दिया । एक नजर आप भी दीजिये 🙏
आज कल हर लड़के और लड़की की एक कहानी है,
मुझे ही देखो .....मेरी भी एक दिवानी है ।
लड़का बोला एक लड़की से,
चली आ मिलने खिड़की से ।
जब जब आता हूँ मै तेरी इन गलियों में,
लोग कहते हैं ये बड़ा मवाली है,
तु नही जानती एक शरीफ आदमी के लिए
ये कितनी बड़ी गाली है ।
जानु आज रहने दो कल मिलते हैं,
कल दिवाली है...
हाँ.. त्यौहार को तु मिल जायेगी !
एक बात बता तु बाहर वाली है या
मेरी घरवाली है.... 😀
आज मेरे दिल का पिंजरा खाली है,
क्या गुलाबी पंखुड़ियों की तरह
तेरे होठों की लाली है... 🥰
मै शराब तु मेरी प्याली है ।
हाय! गजब का हुश्न, गोरा बदन
ऊपर से ये हिरनी सी चाल मतवाली है ।
चल झूठी तारीफें ना कर,
मुझे भी पता है मै तुझसे भी काली है ।
मेरी सुन.. आज मान जा
मेरा बाप कोतवाली है जान जा,
ये चिड़िया आज ना दाना चुगने वाली है
सच कहती हूँ, कल मिलते हैं
मेरी अदा ना नखरे वाली है 😀 ।।
~ मुन्ना प्रजापति
#life #feeling #PostViral #virals #hindi #comedy #hasyakavi #poetry #poets #happy
- साबुन से तन धोने वालो, मन को तन से धो डालो...
- लाल साग खाने से होने वाले फायदे
- युद्ध कविता
- 2023 तुर्की सीरिया भूकंप
- #poetry शिर्षक :- " मेरे पुस्तक...गल जायेंगे "
हो रही है बारिश, मेरे पुस्तक गल जायेंगे,
जो लिखीं हैं इनमे, वो बातें कल आयेंगे,
मत छेड़ो उसे जो नादान है,
टूट जायेगा हौशला, और जो आत्म सम्मान है,
जो जन्मा है मनुष्य, बहोत महान है,
मत करना गुरुर, यह जीवन दान है,
धरती है करीब मगर, उचा आसमान है,
तुम हो अकेले भीड़ मे, ये दुनिया बिरान है,
चलो सरल रास्ते को छोड़ो,
मुख मंजिल के तरफ मोड़ो,
आरे ...एक बार तो पन्ने को पलट,
तू कुछ तो लिख ...सही या गलत,
सोचता क्या है, तू लिखना शुरू कर,
अंधेरा है... तू जिधर जायेगा रौशनी उधर आयेगी,
वो तेरी है.. तुझे मिलेगी.. किधर जायेगी,
तुम्हे बस इस पुस्तक को पढ़नी है,
सरल है, जीवन की सीढ़ी पर चढ़नी है,
आज कारवाँ आगे है, कल पीछे होगा,
जो तुमसे उच्चा है, वो तुमसे नीचे होगा,
चल पांच कदम, आगे रास्ता मिल जायेगा,
बदलेगा मौषम कामयाबी का, फूल खिल जायेगा,
बीत रही है उमर, ये दिन ढल जायेंगे,
जो लिखीं हैं इनमे, वो बातें कल आयेंगे,
हो रही है बारिश, मेरे पुस्तक गल जायेंगे ।।
✍️ Author Munna Prajapati
#viralpage #life #hindi #motivated #truth #lifequotes #poetry #poetrylovers #poemascortos #poem
नोट :- don't copy, share direct please 🙏
- #poetry शिर्षक:" वो सबक थी मेरी जिंदगी का "
एक खूबसूरत, रंग बिरंगी तितली,
फूलों से उड़कर, मेरे जिशम् को
छुकर, उड़ गयी ।
जाने किस तरह, मेरी निगाहों से,
मेरे दिल में उतरकर, मुझसे,
मेरे सपनों से जुड़ गयी ।
खूब हसाती, बिलखाती, प्यार जताती,
हर पल, मेरे दिल के बाग़ीचे मे बिहार करती ।
मुझे लगा, फल है मेरी ,किसी बंदगी का,
मुझे लगा ये मेरी मोहब्बत है,
लेकिन वो सबक थी मेरी जिंदगी का... ।।
जाने क्या हुआ, जलता चराग़ धुआ हुआ,
जाने कैसी हवा लगी,
किस मौसम ने उसको छुआ ,
एक पल मे कोई अपना, सपना हुआ,
जाने कहाँ छिप गयी जाकर, एक उम्र तक
मेरी नजरों को तड़पना हुआ ।
कोई बहकाया या बहक गयी,
किसी और के बाग़ीचे मे जाकर, चेहेक गयी ।
रंग उतर गया मेरे चेहरे से, आशिकी का
मुझे लगा ये मेरी मोहब्बत है...
लेकिन वो सबक थी मेरी जिंदगी का ।।
मै अकेले अंधेरों मे, खामोश रहा,
उसकी वेदना मे मदहोश रहा ।
मैने सदिओं बाद, कलम कागज से साथ की,
दिल की हर बात लिखा, और फिर
खुद से बात की ।
अभी तक कोई इश्क़ का पैग़ाम नही आया,
वो मिटा ही नही, जो रंग दिल मे समाया,
दर्द, खामोशी, सबर, चिखना, सिसकना,
मैने बहोत कुछ सिखा...
जो कुछ भी मेरे हिस्से मे आया ।
मुझे लगा, वो मौजूदगी है मेरी, गैर मौजूदगी का
मुझे लगा, वो मेरी खुदा की इबादत है...
लेकिन नहीं.....
वो सबक थी मेरी जिंदगी का... ।।
Author Munna Prajapati #love #life #sadlife #sad #post #poetrylovers #poem #poetrychallenge #viralpage #writing #writes
- आइए हम जीवन को आसान बनाएं,
कोई भी इस दुनिया से जिंदा नहीं निकलेगा। जिस जमीन के लिए आप लड़ रहे हैं और मारने को तैयार हैं, उस जमीन को कोई छोड़ गया है, वह मर चुका है, सड़ा हुआ है, और भुला दिया गया है। तुम्हारा भी यही हाल होगा। आने वाले 150 वर्षों में, आज हम जिन वाहनों या फोनों का इस्तेमाल अपनी शेखी बघारने के लिए कर रहे हैं, उनमें से कोई भी सदैव का साथी नहीं होगा। बीको, जीवन को आसान बनाओ । बहोत खुशी होती है मन को किसी को वास्तव में खुश करने मे, करके तो देखो ।
प्रेम को आगे बढ़ने दो। आइए एक दूसरे के लिए वास्तव में खुश रहें। कोई द्वेष नहीं, कोई चुगली नहीं। कोई ईर्ष्या नहीं। कोई तुलना नहीं। जीवन कोई प्रतियोगिता नहीं है। यह हमारा सौभाग्य है जो मनुष्य का तन मिला है । दिन के अंत में, हम सभी दूसरी तरफ पारगमन करेंगे। यह सिर्फ एक सवाल है कि वहां पहले कौन पहुंचता है, लेकिन निश्चित रूप से हम सभी किसी दिन वहां जाएंगे।
ये जीवन तो बिल्कुल सरल है, इसे दुखी और कठिन हम खुद ही बना देते हैं अन्य लोगों से तुलनात्मक भाव रखकर, इर्ष्या करके । हम क्यूँ दुखी होते हैं किसी की खुशी को लेकर , किसी को सफल देखकर! लेकिन नहीं...
जिस प्रेम से हमारा जन्म हुआ है हम उसी के दुश्मन हैं । बदलो खुद को दुनिया खुद ब खुद बदल जायेगी । ये संसार तो हम ही से है । जो रवैया अभी है यदि ऐसा ही चलता रहा तो एक दिन सर्वनाश निश्चित है । समझो ना,,तुम्हे तो उपर वाले ने सोचने समझने की शक्ति तो दी है । यहाँ अत्यधिक लोग अपनी ऊर्जा का उपयोग किसी दूसरे को मिटाने मे कर रहें हैं । ऊर्जा सही दिशा में लगाओ । जरा सोचो हमारे देश में 140 करोड़ लोग हैं, यदि सभी लोग एक दिशा में चलें तो हम कहा पहुँच सकतें हैं..... सोचो और चलो..... ।
~ Author Munna Prajapati
- #poetry "१५ अगस्त.... "
आज वह शख्स भी आजादी की
गाथाएँ गाते हुए नजर आया,
जिसने जाती और मजहब मे
लोगों को उलझा कर रखा है ।
उसने हमेशा बतलाया है के तुम बड़े हो,
तुम्हे बड़ा होना चाहिए और
सबसे आगे होना चाहिए,
तुम हिंदू हो तुम मुश्लिम हो
तुम सिख हो तुम ईसाई हो,
और आज मंच पर, कुछ लोगों के बीच
कह रहा था के हम भारत वासी एक हैं ।
जो अपने फायदे के लिए अपनी
शान के लिए, अपने पद के लिए
जाने कितनों को मौत के घाट उतार दिया होगा!
वह शख्श आज मंच पर, तिरंगे के सामने
इस देश को मजबूत बने रहने का
शिक्षा दे रहा था ।
जो हमेशा लोगों को कम शिक्षित
रखने का उपाय ढूंढता रहा, वह
आज मंच पर विद्यार्थियों के सामने
उच्च शिक्षा पाने की हौशला दे रहा था ।
कुछ शहीदों के बारें मे, उनका चरित्र
चित्रण कर रहा था, अल्पज्ञ लोगों को
समझा रहा था, आजादी कैसे हुयी
इसकी गाथा सबको सुना रहा था जिसने
अपने कर्मों का किताब कहीं
छुपा कर रखा है ।
बहोत बड़ी बड़ी बातें की उसने,
वह सब उसकी जुबानी थी, और
सच तो ये है की वह सब किसी की
लिखी हुयी कहानी थी ।
उसने ये नही कहा कि अस्पताल में,
मरीजों (गरीबों ) को क्यूँ रुलाते हो,
उचे पद पर बैठकर लूट पाट क्यूँ मचाते हो,
किसी मशले को हल करने मे
इतना वक़्त क्यूँ लगाते हो ।
वो लोग भी क्या अजीब थे
जो उसके चिकनी बातों के करीब थे,
तालियां बज रही थी, जय हिंद के
नारे भी लग रहे थे परंतु.....
हिंदुस्तान को जिताने का या फिर
जश्न ए जीत का भाव किसी के
दिल मे नहीं था ।
सब इसी मे डूब गए, के, कब, कैसे
और किसने आजादी दिलायी,
कितनी मुशक्कत् स्वतंत्रता सेनानियों ने
उठायी... बस इन्ही सब बातों पर
हम सबको फुसला कर रखा है ।
आज वह शख्स भी आजादी की
गाथाएँ गाते हुए नजर आया, जो
इस जमी का खाता है, इसी जमी पर
रहता है, हम लोगों के बीच जीता है मगर
भला सिर्फ अपना सोचता है,
मै भी चाहता हूँ,
आजादी की शुभकामनाएँ दूँ... पर
किसे दूँ.... किसे....... 😥
✍️ Author Munna Prajapati
#post #positivity #PostViral #poem #realtalk #reallife #public #truth #writer #life #virals
- यदि समय मे आपको पीछे जाने का अवसर मिटे तो आप क्या बदलना चाहेंगे?
- গ্যাব্রিয়েল আগবো
- अपने लेखनी द्वारा रचित गीतों को सुनते हुए आनंद लेते हुए Author Munna Prajapati // अति सुंदर रचना एवं गीत , बेहद खुबशुरत रचनात्मक लेखनी एवं रचनाकार ।।
Fillings of the Lyrics ✍️✍️👌👌🙏🙏
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- हमारी सभी बहनों के लिए यह जनकारी अवश्यक् है :-
पिछले 3 साल का डाटा, 43 लाख लड़कियों में बाझपन और 30 लाख में कैंसर पाया गया... वैलेंटाइन के बाद मुश्किल से 10 दिन के अंदर गायनेकोलोजिस्टो के पास लड़कियों की भीड़ लग जाती है...
टीवी पे ऐड आता है सिर्फ एक कैप्सूल से 72 घंटो के अंदर अनचाही प्रेगनेंसी से छुटकारा...
बिना दिमाग की लडकिया, ऐसी गोलियां जिसका न कम्पोजीशन पता होता है न कांसेप्ट…
बस निगल जाती हैं…
इन फेक गोलियों में आर्सेनिक भरा होता है यह 72 घंटो के अंदर सिर्फ बनने वाले भ्रूण को खत्म नही करता बल्कि पूरा का पूरा प्रजनन तंत्र ही खत्म कर देता है…
शुरू में तो गोलिया खाकर सती सावित्री बन जाती हैं लेकिन शादी के बाद पता चलता है ये अब माँ नही बन सकती…
तो सबको पता चल जाता है इनका भूतकाल कैसा रहा है, पर कोई बोलता नही जिन्दगी खुद अभिशाप बन जाती है…
सरकार हर साल मातृत्व सुरक्षा, जननी सुरक्षा, बेटी बचाओ जैसी योजनाओ के नाम पर करोड़ो रुपयेफुक देती है।
आज हालत ये हैं 13-14 साल की बच्चिया बैग में i-pill लेकर घूम रही है ये मरेंगी नही तो क्या होगा…
और ऐसी जहरीली चीजे वैलेंटाइन पर मेडिकल माफिया भारतीय बाजारों में जानबुझकर उतारता है...
क्युकी सबको पता है, भारत में बुद्धिजीवी वर्ग का कोई मान नही होता... पहले ये लड़कियों को जहर खिलाकर बीमारी देते हैं... फिर उसकी दवाई बेचकर अरबो रूपये कमाते हैं... जिसमे नेता भी कमाई करते हैं... क्युकी ऐसे जहर को बेचने का परमिट और उनकी चेकिंग न करवाने का काम नेता ही कर सकते हैं...
बेटी आपकी, तो उसकी जिम्मेदारी भी आपकी... इस वैलेंटाइन उसके पीछे संत महापुरुष का ही नही बल्कि आप खुद सजग रहोगे, देखने पर विरोध करोगे।
समय है वेलेंटाइन जैसे कुकर्म को बढ़ावा देने वाले घटिया मानसिकता की जगह जगह अपने माता पिता का पूजन कर देश की युवा पीढी को सुदृढ़ बनाने का...
या फिर अगर चाहते हो आपकी बेटे बेटी जमके अय्याशी करे, और बाद में कैंसर, बाझपन, STD की वजह से मर जाए और आपका बोझ हल्का हो... तो एक ही बार में सल्फास दे दो...
समस्या आपके बेटी की अय्याशी और उसके मरने से नही, समस्या होती है, जो दवाईया बेचकर विदेशी कम्पनिया हर साल हमारे देश का अरबो रुपया लुट लेती हैं उससे है... आज कल की सच्चाई।
सभी बहनों के हित मे, यह जनकारी समर्पित किया है ।
सतर्क रहो, भूलकर भी यह गलती मत करना वरना जीवन भर पछताना पड़ेगा.... ।
जनकारी स्रोत : गूगल कोरा..
- तेरी चाहत
- शीर्षक:"चाहे लिखूँ या रखूँ जेहेन् मे अपने "
वो कुछ भी करे, कुछ भी कहे मुझको,
फिर भी मै फिक्र उसी की करता हूँ ।
चाहे कुछ लिखूँ या रखूँ जेहेन मे अपने..
पर हर बात पे जिक्र, उसी की करता हूँ ।।
मुझसे, वो इश्क़ करे या ना करे,
चलो मै तो करता हूँ... ।
वफा, इश्क़ निभाने की बात तो बहोत छोटी है,
मै.... मै तो उसपे जान से मरता हूँ ।।
मै तबाह हो जाऊँ, कोई मलाल नहीं मुझको,
पर उसके आशुओं से डरता हूँ ।
मै जागूँ या सोया रहूँ....
पर खयालों मे उसी के रहता हूँ ।।
उसे गुरुर है अपने हुश्न पर, दुआ है
उसका गुरुर बरकरार रहे...
मेरा क्या... मै तो कैसे- कैसे
गुजर - बसर करता हूँ ।
अब कोई मेरे साथ भला करे या बुरा
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मै.... मै तो बस मोहब्बत- ए- नजर करता हूँ ।।
Author Munna Prajapati
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- खाद्य संयोजन: वो कॉम्बो जिसे आपने अपने शरीर की जरुरत की थी
- श्री कृष्ण तथा राधे रानी की प्रेम कथा
- किताबें पढने के लिए वक़्त कहाँ है किसी के पास, पूरी दुनिया तो परदे पर दिखायी जाने वाली काल्पनिक चलचित्रों के पीछे दौड़ रही है और अपने आप को अंधकार में लेकर जा रही है । जो जो वास्तवीक ज्ञान पुस्तकों में है वो चलचित्रों मे नही । आप एक मिनट से कम समय की वीडियो देखतें हैं और प्रत्येक मिनट के बाद दूसरी वीडियो देखतें हैं इनके बीच आप अपने मस्तिस्क की स्थिरता को बड़ी तेजी से बदलतें है ।
लगातार एक प्रभाव, दूसरा प्रभाव फिर तुरंत तीसरा प्रभाव, ऐसे ही लगातार स्थिरता, अपनी सोच, उद्देश्य, लक्ष्य आदि को बदलतें हैं जिसके वजह से आप अपने जीवन मे किसी एक लक्ष्य पर स्थिर नहीं रह पाएंगे । स्वभाविक सी बात है इस तरह की क्रियाएँ आपकी स्थिरता को भंग करती है और आप खुद को रोक नही पाते । जब कोई चीज थोड़ी सी ज्यादा समय लेती है या फिर समझ में नही आती तो आप उसे तुरंत छोड़ देते हैं । परंतु आप उसे समझने या किसी एक ही विषय पर गहरा अध्ययन करने की कोशिश नही करते । इंसान की यह सबसे बड़ी दुर्बलता है । जिससे कि वह अपने लक्ष्य को पाने मे चुक जाता है ।
कोई भी बड़ी चीज क्षणिक सोचने से या क्षणिक अध्ययन से पूर्ण नही होती उसके लिए वक़्त चाहिए होता है । और यह तो हमारे मस्तिस्क से निकल चुका है । एक मिनट से अधिक हम किसी एक विषय पर तो सोच ही नही सकते ।
हम जब तक रिल्स देख रहे होते हैं हमारा मस्तिस्क उसके विषय में सोचता है, जो हम देख रहे होतें हैं । परंतु किताबें, जिसमे प्रत्येक शब्द लिखे हुए हैं, उसे आप बार-बार पढ़ सकते हैं । उसे सोच सकते हैं । उसके अनुसार आप अपने जीवन को सक्रिय कर सकते हैं । यह जो मोबाइल फोन का दौर है, यह हमे उस अंधकार के तरफ ले कर जा रहा है जहाँ चारो तरफ कोई भी चराग़ नही । पुस्तकें मनुष्य का मार्गदर्शक हैं । ऐसा नहीं की मै पुस्तकें लिख रहा हूँ तो ही ये सारी बातें कर रहा हूँ! यदि आप इस बात का विचार करना चाहे तो भी नही कर सकते । और नाही यहा तक पहुँच सकतें है जहाँ तक हमने यह कल्पना की है । हम आधुनिक दौर मे जरूर जा रहे हैं परंतु यह भी सत्य है की हम अपने आप को कहीं खो रहें है ।
चलिए जरा सा सोच कर देखिये –
यदि गूगल बंद हो जाय ! यदि इंटरनेट काम ना करे तो हमारा क्या अवस्था हो जायेगा ।
जब मोबाइल का डाटा (इंटरनेट) समाप्त होता है तो इसके बगैर हम इक दिन नही रह पाते, कैसे भी हमे रिचार्ज करवाना ही है । इसका अर्थ यह है की हम किसी के अधीन होते जा रहें हैं । हमारी मानसिकता , हमारे मस्तिस्क पर किसी और का अधिकार हो रहा है । हम मानसिक रूप से किसी और का गुलाम होते जा रहें हैं । आप अपनी आँखें खोलिए और देखिये । हम 1947 मे आजाद हुए थे सत्य है मगर अब फिर हम खुद को गुलामी की तरफ ले जा रहें हैं , आधुनिकता समझकर ।
✍️😰✅🤔 Author Munna Prajapati
#PostViral #healthy #Risky #life #lifestyle #bad #harmful #mobiles #network
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- अगर ब्लैडर चोक हो जाए
- आजाद या महज ख्वाब।
- AI : Artificial intelligence (कृत्रिम बुद्धिमता) :-
एक फिल्म है " #robot " रजनीकांत और ऐश्वर्या राय का, जिसमे उनका नाम डॉ वशिकरण और सना है ।
डॉ वशिकरण एक रोबोट वैज्ञानिक रहते हैं । उन्होंने उस फिल्म मे एक रोबोट बनाया था जिसका नाम चिट्टी था । उन्होंने बहोत ही शानदार तरीके से उसे बनाया था जो की बिना थके, बिना रुके, एक शक्तिशाली मनुष्य के अपेक्षा कहीं अत्यधिक गति से काम करता था । वह बहोत ही सहायक था हमारे जीवन में परंतु मशीन तो मशीन ही होता है ।
एक बार शहर के एक बड़े इमारत में आग लग गयी । बहोत ऊचा इमारत था । आबको उस अग्नि से बचाना संभव ही नही था । रेस्क्यू टीम लगी हुयी थी । मीडिया लगातार खबरें टीवी पर दिखा रही थी । और यह खबर डॉ वशिकरण ने देखा और उन्होंने रोबोट चिट्टी को कहा - जाओ इमारत में फसे सभी व्यक्ति को बचाओ, बाहर लेकर आओ । चिट्टी अपने प्रोग्रामिंग के दम पर सभी बड़े, बूढ़े, बच्चे.. सबको बचाया क्योंकि वो आग से नही जल सकता और ना ही उसे दर्द होगा ।
ऐसे ही लोगो को बचाने के दौरान एक जवान लड़की नहा रही थी और आग मे फस गयी । चिट्टी उसके पास पहुंचा, लड़की चिल्लाती रही - मेरे पास मत आओ, मेरे कपड़े नही हैं, मैंने कपड़े नही पहने हैं । मै नहा रही थी और आग लग गयी । सब कुछ जल चुका है परंतु चिट्टी तो एक मशीन था । उसे क्या मालूम के एक लड़की बिना कपड़े, किसी के निगाहों के सामने नही रखी जाती । उसे वैसे ही उठा कर लोगों के बीच लाकर रख दिया । वहाँ मौजूद तमाम मीडिया, न्यूज़, टीवी, सब कुछ कैमरे में कैद । सब कुछ प्रसारित होने लगा । हजारों लोगो के बीच वह लड़की वस्त्र बिहिन अपने आप को पाकर, मानो उसकी जान ही निकल गयी । लड़की ने शर्म के मारे एका एक दौड़ा और जाकर चलती वाहन से टकरा गयी और अपनी जान दे दी । यह देखकर वशिकरण को बहोत दुख हुआ । उनकी आँखें भर गयी । लोग उनकी योग्यता की तारीफ करते- करते शर्मिंदा हो गए ।
इतना सब होने के बाद वशिकरण कई दिनों तक सोचते रहे । निष्कर्ष निकला यह की - यदि हम इसमे मनुष्य की तरह सोचने और समझने की शक्ति दे दी जाय तथा प्रत्येक चीज को एहसास करने की सेंस मिल जाय तो इस तरह की कोई घटना नही होगी ।
इन्होंने इस पर भी कार्य करना शुरू किया और कुछ ही दिनों बाद रोबोट चिट्टी को पूरी तरह से सेंसिटिव बना डाला । बिल्कुल मनुष्य की तरह । सब कुछ सही से चलता रहा.. ऐसे ही मे एक दिन ऐसा हुआ की रोबोट......
वशिकरण की प्रेमिका शना ने खुशी- खुशी में चिट्टी को चूम लिया और उसके बाद, उसके वजह से चिट्टी का एहसास जागृत हो उठा । चिट्टी को शना से प्यार हो गया । अब वो उसे किसी भी हद तक हाशिल करना चाहा । चिट्टी ने कहा शना मेरी है, इसकी शादी वशिकरण से नही मुझसे होगी । . मै शना से प्यार करता हूँ । जरा सोचिये एक मशीन की शादी शना से कैसे हो सकती है! जो की वशिकरण की प्रेमिका है । शना और वशिकरण ने चिट्टी बहोत समझाने की कोशिश की परंतु, प्रेम का एहसास चिट्टी के मेमोरी में एक्टिव हो चुका था, वो कैसे मानता । ऐसे ही बातों बातों में मामला गंभीर हो गया । बात मिटने मिटाने पर आ गयी । अन्त में डॉ वशिकरण ने देखा की इसका अंजाम सही नही होगा । यह हमारे लिए घातक साबित हो सकता है ।
वशिकरण ने चिट्टी को मिटाकर, सारे प्रोग्राम मिटाकर नष्ट कर दिया । लेकिन प्रत्येक कहानी में एक विलन जरूर होता है । इस कहानी में भी एक विलन था जो हमेशा से वशिकरण के विपक्ष मे कार्य करता था । उसने उस रोबोट के पार्ट को लाकर फिर से उसका निर्माण कर दिया । वह भी वशिकरण के जैसा ही एक रोबोट वैज्ञानिक था ।
कुछ दिनों बाद वह रोबोट चिट्टी ही अपने जैसे रोबोट तैयार करने लगा क्युकी उसके अंदर उसके मेमोरी में डॉ वशिकरण था । कुछ दिनों बाद उस विलन को मारकर उसने खुद का एक समूह तैयार कर लिया । जिसमे सब के सब रोबोट ही थे । सब उसके इशारों पर चलते थे । चिट्टी के मन में यह विचार उत्पन्न हुआ की हमे अपनी खुद की दुनिया बनानी है , जिसमे मनुष्य ना हो और यदि हो तो वो हमारा गुलाम हो । और इसी मुकाम की तरफ निकल पड़ा । 24/7 रोबोट बनाता रहा । एक एक करके मनुष्यों का विनाश करता रहा । उसकी चाहत बन गयी थी, शना...
अपने बल पूर्वक शना को भी छीन लिया था वशिकरण से । यह सब देखकर वशिकरण दंग रह गए । हमारी बनायी हुयी मशीन, हमारा ही विनाश करने पर तुल गयी ।
बहोत ही सघर्ष के बाद, तकनिकीओं के इस्तेमाल के बाद, बहोत कुछ खोने के बाद इस मशीन पर डॉ वशिकरण ने कामयाबी हाशिल की । चिट्टी का जीवन नष्ट कर पाए । नही तो हमारा विनाश निश्चित था ।
मैंने यह कहानी एक उदाहरण के तौर पर दिया है आपको । ठीक इसी प्रकार आप सोच सकतें हैं, समझ सकते हैं ।
यह तो फिल्म है, कल्पनिक बातें है परंतु अभी के समय में, हमारे जीवन मे, हमारे बीच जो AI tool (Artificial intelligence) आया है । या जिसने भी बनाया है इसको, व्यापार के तौर पर, आधुनिकता के नाम पर, यह सही साबित नही होगा हमारे लिए ।
विगत समय में आपने देखा ही होगा की साउथ की सुप्रसिद्ध नायिका ' #rashmikamandanna ' का एक वीडियो चलचित्रों मे आया था जो की AI का कमाल था । वह वीडियो वास्तवीक नही था । इसी प्रकार ना जाने किस किस रूप मे हमे इसके घातक प्रभाव देखने को मिलेगा ।
यदि आपने #movies #robot नही देखी तो देख लीजिये आपको सब समझ में आ जायेगा की किस तरह से हम अपने विनाश का बीज खुद ही बो रहें हैं । आधुनिकता के नाम पर । AI tools भी हमारे जीवन में ठीक उसी प्रकार कार्य करेगा जिस प्रकार रोबोट चिट्टी ने किया था ।
नोट :- आप सभी पाठक से अनुरोध है की आप चलचित्रों पर, मोबाइल फोन पर दिखायी जाने वाली तस्वीरों, वीडियो आदि पर यकीन कभी मत करना । आपके वास्तवीक जीवन में जो हो रहा है, जो आप प्रत्यक्ष रूप से देख रहे हैं , अपनी आखों से , और जो महसूस कर रहे है वही सत्य है । बाकी सब झूठ है, दिखावा है । अब आने वाले समय में यह कंप्यूटर कुछ भी कर सकता है ।
प्रार्थना :- मै न्यायाधीश को भी द
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कोई नीति जब बनती है तो लगता है की यह सही है, हितकर है परंतु कुछ समय बाद पता चलता है की उस पर लागू नहीं होती जिसने उसे बनाया है । तो फिर.... 🥺
नदियों को माता कहा जाता है और देखें तो औसत रूप से नदियों को गंदा और दूषित करने मे हमारा ही हाथ है । तो फिर... 🥺
ये धरती हमारी माँ है । हम इसकी पूजा भी करते हैं और इस धरती पर सबसे ज्यादा दुष्कर्म ,हम ही कर रहें हैं । तो फिर...... 🥺
हमेशा प्रकृति के प्रतिकूल काम कर रहें हैं । और फिर कह रहें हैं की प्रकृति बदल रही है । नहीं....
उसे बदलने पर हम मजबूर कर रहें हैं । तो फिर..... 🥺
कोई चोर यु ही नही बनता है खुद से, गुनहगार खुशी से कोई गुनाह नही करता । उसके सामने हम ऐसे हालात खड़ा कर देते हैं की वह चोरी करता है या कोई गुनाह कर बैठता है । तो फिर.... 🥺
सामने वाला हमे इज्जत, सम्मान, प्यार जरूर देता और मुख्य रूप से देता भी है परंतु हम ही उसे बेशर्म और क्रूर बनने पर मजबूर कर देते हैं, उसे प्रतिउत्तर मे अपमान परोशकर । हम सामने वाले को अपने धन का, पद, प्रतिष्ठा का ,शक्ति का प्रताडन देकर । तो फिर... 🥺
प्रेम प्राकृतिक है । यही सृष्टि का एक मात्र आधार है । यह समाप्त हो गया अगर तो हमारा अस्तित्व समाप्त हो जायेगा । मोहब्बत करो और करने दो एक दूसरे से , मगर ...
तुम तो नफ़रत दिलों में पाल रहे हो । तो फिर.... 🥺
संत ने कहा, यह दुनिया मोह माया से घिरी हुयी है । दूर निकलो इन भावनाओं से, और तुम निकल गए । क्यूँ नही सोचा उसके बारे में, जिसने तुम्हे जन्म दिया और इस सोच के काबिल बनाया । वह स्त्री जिसको तुमने व्याह कर लाया । वह शिशु जो तुम्हारे नाम से इस धरा पर आया । तो फिर..... 🥺
✍️ Author Munna Prajapati #PostViral #post #realtalk #reallife #thoughts #writer #india #culture
- Promise Day
- शवाल है आपसे, जो मन मे आये
जबाब जरूर लिखियेगा 🙏 :-
(०१) शवाल: क्या हम किसी स्त्री से प्रेम करतें है या
उसके निजी अंगों से ???
जबाब : ...........
(०२) शवाल: यदि आप कीसी स्त्री से ही प्रेम करतें हैं
उसके निजी अंगों को लेकर नही... तो
ये एहसास और समझ कब हुआ आपको ??
जबाब : ............
(०३) शवाल: आपने अपने जीवन मे
जिम्मेदारियों को कब समझा????
जबाब : .............
(०४) शवाल: आप समझते थे की आप सब जानतें हैं, परंतु
आप बहुत कुछ नहीं जानते हैं, ये एहसास
आपको कब और कैसे हुआ????
जबाब : ...............
(०५) शवाल: परिवारिक झमेल हो , (जैसे आज कल
शादी के बाद परिवार मे ,रिश्तों मे प्रेम कम हो रहा है ,
परिवार बिखर जा रहा है )
तो क्या एक लड़के को विवाह करना ठीक रहेगा?
जबाब : ................
~ मुन्ना प्रजापति
नोट : समय लेकर सोच कर जबाब जरूर लिखिये ।
मुझे इंतजार रहेगा आपके उत्तर का ।🙏
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- #lyrics #ghazal क्यूँ बिछड़ गए हम...
दिन हो या रात, दिल को तो बस,
तुम्हारा मलाल आया,
क्यूँ बिछड़ गए हम, जेहेन् मे बस,
ये शवाल आया ।
एक रोज हमने, कसम ली थी,
एक दूजे का हाथ नही छोड़ेंगे कभी,
दूर हो गए तब ये खयाल आया...
क्यूँ बिछड़ गए हम , जेहेन् मे बस
ये शवाल आया..... ।
जब निभाना नहीं था तो,
करीब आने की जरूरत क्या थी,
बरसे नयन गम बेमिशाल आया.....
क्यूँ बिछड़ गए हम, जेहेन् मे बस
ये शवाल आया... ।
जब तुम्हे इन नजरों ने देखा,
तुम्हे चाहा और दिल मे बसाया,
ये ना सोचा जो जमाल (आफत)आया....
क्यूँ बिछड़ गए हम, जेहेन् मे बस
ये शवाल आया.... ।
दिल लगाने की सजा क्या खूब पाया,
तुमने उम्र भर तड़पाया,
तोड़ने का तरकीब कमाल आया...
क्यूँ बिछड़ गए हम, जेहेन् मे बस
ये शवाल आया....... ।
✍️ Author Munna Prajapati
#love #life #virals #sad #writer #sadness #PostViral #heart #songlyrics #song
नोट : यदि आप इस गीत को व्यापारिक तौर पर रिकॉर्ड करके रिलीज करना चाहते हैं तो कर सकतें हैं परंतु हमारी अनुमति लेने के बाद, हमारी अनुमति अनिवार्य है । धन्यवाद🙏 +९१७८९७८६८६२५
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- #lyrics मै हूँ इश्क़ का रोगी...
इन नजरों ने देखा, ये खूबसूरत चांद सा चेहरा,
अब और कुछ करता नहीं,
कर रहा है आपके हुश्न का पेहरा.... २
ये दिल तो अब आपसे प्यार कर रहा है,
इंतजार है मुझे, आप कब करोगी.....
मै तो हूँ एक इश्क़ का रोगी...... ।
आप ही को मन अपना मान बैठा,
है ये सपना या सच मै अंजान बैठा,
आ रहा है मजा ना है कोई खबर...
बांध लिया दिल ने प्रीत की पगड़ी मुरैठा ।
मोहब्बत का तूफान अब आसमान चढ़ रहा है,
ऐतबार है मुझे, तुम कब समझोगी....
मै तो हूँ एक इश्क़ का रोगी..... ।
बेपनाह मोहब्बत ये नादाँ कर रहा है,
आपके नाम ये दोनो जहाँ कर रहा है,
समझो ना इस दिल की माशुमियत को...
खामोश मद भरी निगाहों से बयाँ कर रहा है ।
पढ़ो ना ऐसे जैसे कोई तुम्हे पढ़ रहा है,
सच्चा प्यार है मुझे, तुम कब करोगी....
मै तो हूँ एक इश्क़ का रोगी..... ।
✍️ Author Munna Prajapati
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नोट : यदि आप इस गीत को व्यापारिक तौर पर रिकॉर्ड करके रिलीज करना चाहते हैं तो कर सकतें हैं परंतु हमारी अनुमति लेकर, हमारी अनुमति अनिवार्य है । धन्यवाद🙏 +९१७८९७८६८६२५
- प्रेम तत्व
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